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Aadhyaatmik Tatvagyan
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Description
आध्यात्मिक तत्वज्ञान
भूमिका
यह सम्पूर्ण दृश्य जगत् दो प्रकार के तत्त्वों से निर्मित है जिन्हें जड़ और चेतन कहा जाता है। पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश ये तो जड़ तत्त्व है जिनकी खोज करना विज्ञान का विषय है तथा दूसरा जो चेतन तत्त्व है उसकी खोज अध्यात्म क्षेत्र में हुई है। ये दोनों दो भिन्न विद्याएँ हैं। जो अध्यात्म ग्रन्थ पढ़ते तो हैं किन्तु उन्हें भौतिक विज्ञान की भाँति समझना चाहते हैं जिससे वे उन्हें ग्रहण नहीं कर सकते। आध्यात्मिक शब्दावली भी भिन्न है जिसका अर्थ रूमझे बिना वे इसको नहीं समझ सकते। सृष्टि रचना का मूल तत्त्व एक ही है जिससे जड़ और चेतन नाम वाली दो शक्तियाँ प्रकट होकर सृष्टि रचना करती हैं। यह चेतना शक्ति सृष्टि में किस प्रकार कार्य करती है इसे वेदान्त से ही समझा जा सकता है।
Additional information
Authors | |
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ISBN | |
Binding | Paperback |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2015 |
Pulisher |
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