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आदि शंकराचार्य
भारत अपनी सभ्यता और संस्कृति के कारण विश्व गुरु रहा है। यहाँ पर कई मत एवं सम्प्रदायों का उदय हुआ और उन्होंने हमारी सभ्यता को पुष्ट किया। जब भी इस सभ्यता, संस्कृति या धर्म में कुरीतियों ने जन्म लिया और साधारण मानव उनमें उलझने लगा, तो किसी न किसी महापुरुष का उदय हुआ। जैसा भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में कहा है—’जब-जब इस धरा पर धर्म की हानि या कुरीतियों का प्रसार होगा तब-तब कोई न कोई महापुरुष हमारा मार्गदर्शन करने अवश्य आयेगा।’ ताकि हमारी यह अनूठी सभ्यता और संस्कृति अक्षुण्ण बनी रहे और हम उसका अनुकरण कर अपना जीवन सफल करते रहें।
आदि शंकराचार्य उन महापुरुषों में से एक हैं, जिन्होंने हमारा मार्गदर्शन किया। धर्म और संस्कृति से कुरीतियों को बाहर किया। मानव को मानव बनने की शिक्षा दी।
Additional information
Authors | |
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Binding | Hardbound |
Language | Hindi |
ISBN | |
Pages | |
Publishing Year | 2017 |
Pulisher |
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