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आदिवासी कथा : शहीद उदय किरार
केला किरार और उसका पुत्र उदय किरार जंगल की ओर जा रहे थे। केला किरार का मन आज जंगल देखने का हो रहा था। वैसे वह लगभग हर दिन जंगल जाता था, लेकिन आज वह अपने बेटे उदय को साथ ले कर जा रहा था। केला किरार का छोटा-सा गाँव जंगल के पास बसा हुआ था। रास्ते के दोनों ओर ऊँचे-ऊँचे वृक्ष खड़े हुए थे। शीतल हवा बह रही थी। बीच-बीच में जंगली चिड़ियों के बोलने की आवाज भी सुनाई दे जाती थी। केला और उदय दोनों धीरे-धीरे चल रहे थे। उन्हें कहीं जाने की जल्दी नहीं थी। केला किरार का मन आज काम पर जाने का नहीं हो रहा था। वह काम पर नहीं गया। उसने अपने बेटे उदय को भी काम पर जाने से रोक लिया था।
Additional information
Binding | Paperback |
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Language | Hindi |
Publishing Year | 2012 |
Pulisher | |
Authors | |
ISBN | |
Pages |
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