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Description
आँसुओं की स्याही से
बसन्त चौधरी की इस किताब में पाठक उन पुरानी यादों को ताज़ा कर सकता है जो ओझल सी होती जा रही हैं। निरंतर संवेदनहीन और अमानवीय होते हुए समाज में जहां प्रेम का अकाल है, और हिन्दी-काव्य साहित्य में प्रेम कविताओं का, ऐसे परिदृश्य में मिलन और विरह के कहीं चटकीले और कहीं उदास प्रेम गीतों/गज़लों का यह संग्रह सुखद एहसास देता है।
Additional information
Authors | |
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Binding | Hardbound |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2015 |
Pulisher |
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