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Description
आओ बैठ लें कुछ देर
आओ बैठ लें कुछ देर प्रसिद्ध कथाकार और चिंतक श्रीलाल शुक्ल की सीधी-सादी किंतु व्यंग्यात्मक शैली में 1992-93 के दौरान ‘नवभारत टाइम्स’ में लिखे गए चुनिंदा स्तम्भ लेखों का संकलन है। श्री शुक्ल के इन लेखों में राजनीति, समाज, भाषा, साहित्य, रंगमंच, पत्रकारिता, फिल्म आदि विषयों पर समग्रता से विचार करने की एक निजी पद्धति देखने को मिलती है। दरअसल ये टिप्पणियाँ एक खास मिज़ाज और खास शैली में लिखी गई हैं, जिसकी प्रासंगिकता पर कभी धूल की परत नहीं जम सकती। कुछ टिप्पणियाँ घटना या समाचार-विशेष से प्रेरित होने के बावजूद अपना व्यापक प्रभाव छोड़ जाती हैं।
दरअसल प्रस्तुत पुस्तक की टिप्पणियों से गुजरना एक अर्थवान अनुभव लगता है इसलिए नहीं कि इस प्रक्रिया में हम सिर्फ वर्तमान का स्पर्श कर रहे होते हैं बल्कि इसलिए कि यह हमें बहुत कुछ सोचने पर विवश करती है। इन टिप्पणियों में ऐसी अन्तर्दृष्टि है, सूझभरी समझ है, जिससे वर्तमान को हम और अधिक प्रामाणिकता से जान पाते हैं। इन लेखों में यूँ तो व्यंग्य और विनोद का रंग भी मिलता है, लेकिन वे जिन स्थितियों, धारणाओं या विचारों से जुड़े हैं, वे सम्भवतः आज भी हमारी चिंतन-प्रक्रिया को सक्रिय बना सकते हैं।
Additional information
Authors | |
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Binding | Hardbound |
ISBN | |
Pages | |
Publishing Year | 2014 |
Pulisher | |
Language | Hindi |
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