- Description
- Additional information
- Reviews (0)
Description
आओ विवेकशील बने
प्रस्तुत पुस्तक डॉ. दाभोलकर के ‘सकाल’ अखबार में छपे स्तम्भ-लेखन का संकलन है। इसमें डॉ. दाभोलकर के पाठकों द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर हैं लेकिन उनका स्वरुप प्रश्न-उत्तर का नहीं है। यह पत्र-शैली के रूप में किया गया लेखन है। डॉ. दाभोलकर के मतानुसार यह एक कार्यकर्ता का लेखन है।
प्रस्तुत पुस्तक दरअसल युवाओं से संवाद है। डॉ. दाभोलकर यह जानते थे कि परिवर्तन की आधारशिला युवक ही हैं। इसी कारण उन्होंने प्रस्तुत पुस्तक में युवाओं के मन में आनेवाले अंधविश्वास सम्बन्धी प्रश्नों का वैज्ञानिक ढंग से विवेचन प्रस्तुत किया है। पुस्तक में भूत-प्रेत, ज्योतिष, सम्मोहन, पाखंड, सत्यनारायण, मुहूर्त, वास्तुशास्त्र समारोह, जनेऊ, चमत्कार आदि को लेकर विज्ञानवादी विचार व्यक्त किये गए हैं। यह पुस्तक समाज में प्रचलित अंधविश्वासों पर एक गंभीर चिंतन है।
Additional information
Authors | |
---|---|
Binding | Paperback |
ISBN | |
Pages | |
Publishing Year | 2019 |
Pulisher | |
Language | Hindi |
Reviews
There are no reviews yet.