Aapki Khatir Munasib Karyvahiyan

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Aapki Khatir Munasib Karyvahiyan

Aapki Khatir Munasib Karyvahiyan

495.00 425.00

In stock

495.00 425.00

Author: Ramesh Kuntal Megh

Availability: 5 in stock

Pages: 224

Year: 2018

Binding: Hardbound

ISBN: 9789386604842

Language: Hindi

Publisher: Aman Prakashan

Description

आपकी खातिर मुनासिब कार्यवाहियाँ

हाँ, अब भाव तथा रस धुरी से आगे चिंतन तथा सामाज सांस्कृतिक-सामाज वैज्ञानिक धुरी को केंद्र-अभिसारी बनाकर मुनासिब कार्यवाहियों की स्कीमें आयोजित करने की जरूरत है।

ऐसी कार्यवाहियों में धुरी या केंद्र से अवसरण करके ज्ञान, कला, समाजविज्ञान, वैज्ञानिक संचारों का एक्ट या विविध प्रकर्म सभी जानी-पहचानी दिशाओं को आत्मफैलाव देता है। सो वह इस पुस्तक में हुआ है। अतः हम शब्दार्थ इकाई को समाज-इकाई के विज्ञान तथा संस्कृति-बहुलता से गूँथते हैं। अतः एक सामाज सांस्कृतिक-वैज्ञानिक इकाई का संविधान होता है।

इस रसवैचारिक निर्मिति में डगमग पाँवों, किंतु सुदृढ़ मुठ्ठियों के साथ बढ़ा गया है। सो, सौंदर्यबोधशास्त्र, देहभाषा, मिथकायन, नृतत्वशास्त्र, समाजशास्त्र आदि का अधिग्रहण करने की चेष्टा तथा चर्चा हुई है। फलागम तो आपके प्रति लक्षित है।

सो, ‘मुनासिब कार्यवाहियों’ के परिप्रेक्ष्य में शब्दरंजन-अर्थरंजन से काफी आगे ज्ञानरंजन-संस्कृतिरंजन से भी तालमेल हुआ है। फलतः आलोचना ‘आलोचिंतना’ होगी। हमारा बंधान ऐसा ही है। आइये, ऐसी आलोचिंतना तथा मुनासिब कार्यवाहियों को त्रिकाल- प्रतिध्वनित सलाम करें।

Additional information

Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2018

Pulisher

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