Ab Ke Phele Ab Ke Baad

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Ab Ke Phele Ab Ke Baad

Ab Ke Phele Ab Ke Baad

199.00 149.00

In stock

199.00 149.00

Author: Taran Prakash Sinha

Availability: 2 in stock

Pages: 112

Year: 2022

Binding: Paperback

ISBN: 9789390678617

Language: Hindi

Publisher: Vani Prakashan

Description

अब के पहले अब के बाद

प्रस्तुत पुस्तक में छत्तीसगढ़ की संस्कृति, ग्रामीण जीवन, स्थानीय कला, आजीविका, प्रशासन, प्रबन्धन, अर्थ-व्यवस्था, लोक परम्पराएँ, मान्यताएँ, पौराणिक किंवदन्तियाँ, स्वास्थ्य और कृषि से लेकर प्रायः सभी प्रकार के आलेख समाहित हो गये हैं।

ऐसे संकलन के पीछे एक तर्क यह भी है कि चिन्तन-मनन को ‘विभाजन’ में देखने की बजाय हमेशा ‘समग्रता’ में देखना ज़्यादा व्यावहारिक होता है। बेशक हमारा मस्तिष्क, विषयों के विभाजन और तुलना की ओर अधिक आकर्षित होता है, लेकिन मेरा अपना अनुभव यही है कि बहुत अधिक विभाजन करने और स्थितियों को अलग-अलग देखने से कई बार हम बड़े लक्ष्य से भटक भी जाते हैं। निश्चित ही, मेरी इस धारणा के विपरीत तर्क रखने वाले भी अपनी जगह सही हो सकते हैं। फिर भी यह कहा जा सकता है कि इस किताब में शामिल हर आलेख में विश्लेषण की एक नयी दृष्टि अन्तर्निहित है।

इसी पुस्तक से

 

इस पुस्तक के दो भाग हैं, पहला जिसमें शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन से सम्बन्धित लेख हैं, दूसरा अन्य समसामयिक विषयों से सम्बन्धित लेख का है। बदलाव के इस दौर के अध्ययन-विश्लेषण का फलक बहुत विशाल है, उसकी तुलना में मेरा यह प्रयास बिन्दु मात्र है।

मैंने यह जानने और समझने की कोशिश की है कि इस समय में हमारे समाज में मुख्य रूप से किस प्रकार की चुनौतियाँ मौजूद हैं, साथ ही इन चुनौतियों का समाधान क्या हो सकता है। यह दावा तो निश्चित ही नहीं किया जा सकता कि इन सभी चुनौतियों का समाधान तत्काल सम्भव है, किन्तु हम इस दिशा में सम्मिलित रूप से प्रयास तो कर ही सकते हैं।

मुझे विश्वास है की मेरा प्रयास आप सभी को समाज की वर्तमान चुनौतियों के समाधान की दिशा में सोचने के लिए एक दिशा देने में सार्थक होगा।

–  तारन प्रकाश सिन्हा

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Binding

Paperback

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2022

Pulisher

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