Abhishapta Katha

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Abhishapta Katha

Abhishapta Katha

450.00 340.00

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450.00 340.00

Author: Manu Sharma

Availability: 5 in stock

Pages: 248

Year: 2017

Binding: Hardbound

ISBN: 9788177212488

Language: Hindi

Publisher: Prabhat Prakashan

Description

अभिशप्त कथा

कच उठ बैठा। उसने आचार्य के चरण छुए।

“जीवेम शरद: शतम्।” आचार्य ने कहा।

कच ने एक विजयी दृष्टि जयंती पर डाली। वह भी सफलता पर मुसकरा रही थी।

“आपने अपना ज्ञान दिया, मैं कृतज्ञ हुआ, आचार्य!” कच ने विजयोन्माद में कहा।

“क्या!” आचार्य का मुख खुला-का-खुला रह गया। उन्हें ऐसा लगा जैसे विस्फोट हो गया है। धधकते ज्वालामुखी में वह गिरते चले जा रहे हैं। आकाश से नक्षत्र टूट-टूटकर उन पर भहरा रहे हैं। वे उटज से पागलों-सा चिल्लाते हुए निकले, “मेरे साथ धोखा हुआ! मैं लूट लिया गया! मेरे वैभव में उन छलियों ने आग लगा दी! मैं भस्म हो रहा हूँ। मुझे बचाओ! मुझे बचाओ!”

इसी उपन्यास से

‘कृष्ण की आत्मकथा’ जैसे कालजयी उपन्यास के लेखक श्री मनु शर्मा द्वारा लिखित कच-देवयानी की बहुचर्चित पौराणिक कथा पर आधारित पठनीय उपन्यास। यह औपन्यासिक कृति पौराणिक इतिहास की जानकारी देने के साथ ही तत्कालीन आर्यावर्त के सामाजिक, राजनीतिक व सांस्कृतिक इतिहास का भी लेखा-जोखा है।

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Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2017

Pulisher

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