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Description
अमर सेनानी सावरकर
दो शब्द
‘वीर सावरकर’ – यह शब्द साहस, वीरता, देशभक्ति का पर्यायवाची बन गया है। ‘वीर सावरकर’ शब्द का स्मरण आते ही अनुपम त्याग, अदम्य साहस, महान वीरता एवं उत्कट देशभक्ति से ओतप्रोत इतिहास के स्वर्णिम पृष्ठ हमारे सामने साकार होकर खुल जाते हैं।
म और हिन्दू समाज के पुनरुत्थान के लिए संघर्ष में व्यतीत हुआ। वह हिन्दुस्थान को ‘अखण्ड राष्ट्र’ के रूप में प्रतिष्ठित कराने का महान स्वप्न देखते-देखते ही इस भूतल से विदा हो गये।
वीर सावरकर के असाधारण व्यक्तित्व और महान कृतित्व पर यदिंलेखक जीवनभर भी लिखता रहे तो वीरता, शूरता, देशभक्ति एवं साहित्य-सेवा का वह इतिहास कभी पूर्ण नहीं होगा। उनके जीवन के केवल एक पक्ष का सिंहावलोकन करने मात्र के लिए हजारों पष्ठों का ग्रंथ लिखा जा सकता है।
इस पर भी उस महान सेनानी वीर सावरकर के पावन जीवन पर अति संक्षिप्त रूप से प्रकाश डालने के लिए मैंने लेखनी उठाने का दुःसाहस किया है। यह स्वातन्त्रयवीर के पावन व असाधारण जीवन की केवल एक झांकी मात्र है।
स्वातन्त्रयवीर सावरकर के भतीजे एवं महान देशभक्त श्री डॉ नारायण दामोदर सावरकर के सुपुत्र आदरणीय भाई विक्रम नारायण सावरकर एवं वीर सावरकर जी के निजी सचिव श्री बाल सावरकर दोनों ही मेरे सम्माननीय मित्र हैं। दोनों महानुभावों ने सावरकरजी को अत्यंत निकट से देखा एवं उनके कार्यों का गहन अध्ययन किया है। मुझे उनसे सावरकर जी के संबंध में काफी प्रामाणिक जानकारियां प्राप्त हुई हैं। मैं इसके लिए भाई विक्रम जी एवं श्री बाल सावरकर जी दोनों का ही हार्दिक आभारी हूँ। आदरणीय बंधु स्व. श्री योगेन्द्रदत्त जी की प्रेरणा पर मैंने यह पुस्तक तैयार की। उनके प्रति भी मैं आभार व्यक्त करता हूँ।
आशा है कि महान राष्ट्रपुरुष स्वातन्त्रयवीर की यह जीवन झांकी पाठकों को उनके पावन जीवन का सिंहावलोकन कराने में सहायक सिद्ध होगी।
Additional information
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2019 |
Pulisher |
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