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Description
अम्मा
वरिष्ठ उपन्यासकार कमलेश्वर का यह उपन्यास एक आदर्श सामाजिक व्यवस्था की वकालत करता है जिसमे अपने बेरियों के लिए भी स्नेह व सम्मान की गुंजाइश हो। इस उपन्यास का कथा-फलक यों तो विस्तृत है लेकिन कम्लेश्वर जी ने अपने रचनात्मक कौशल से इसे जिस तरह कम शब्दों में संभव किया है, वह काबिले-तारीफ है।
इस उपन्यस में स्वाधीनता संघर्षकाल से लेकर सती-प्रथा विरोध तक की अनुगूँजे सुनी जा सकती हैं। इसमें अंग्रेज सिपाहियों की क्रूरता और रूढ़िवादी पारम्परिक समाज में विधवा स्त्री की त्रासद स्थिति का बड़ा ही मार्मिक चित्रण हुआ है जो पाठको के मन में करुणा का भाव जगाता है। लोकप्रिय रचनाकार की कलम से निकली एक अनूठी कृति।
Additional information
Authors | |
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Binding | Hardbound |
ISBN | |
Pages | |
Publishing Year | 2019 |
Pulisher | |
Language | Hindi |
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