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Description
अंडे से निकला आदमी
इस घटना के बाद विनता ने अपने दूसरे अंडे का पूरा ध्यान रखा और पिछली भूल से सबक लेकर इस बार उसने अंडे को नहीं तोड़ा। महीने और साल बीत गए।
अंत में, एक दिन अंडा अपने आप टूटा और शक्तिशाली पंखों तथा पक्षी जैसे चेहरे वाला एक व्यक्ति उससे बाहर निकला। उसने कहा, ‘‘माता, मैं आ गया। आपके धैर्य के लिए आपका आभारी हूँ। मैं शक्तिशाली हूँ और कहीं भी उड़कर जा सकता हूँ। मैं शक्तिशाली गरुड हूँ। मैं भगवान् विष्णु और उनकी पत्नी लक्ष्मी का वाहन बनूँगा। मैं वचन देता हूँ कि मैं आपको दासता से मुक्ति दिलाऊँगा।’’
इसके बाद वह दूर आकाश में उड़ गया। उसकी माता उसे गर्व से देख रही थीं। प्रसन्न थीं कि अंततः वे उसे देख पाईं और उसने उन्हें दासता से मुक्त कराने का वचन दिया है।
विनता ने अपनी मुक्ति के लिए बहुत लंबी प्रतीक्षा की थी।
—इसी पुस्तक से
अनुक्रम
★ भूमिका
★ ओंकार स्वरूप
★ ब्रह्माजी की भूल
★ एक दिव्य समाधान
★ सत्यं शिवं सुंदरम्
★ सती की कहानी
★ पार्वती का जन्म
★ कामदेव
★ स्वर्ग में बनी जोड़ी
★ चाँद और उसका बढ़ता-घटता रूप
★ गणेश की कथा
★ तीन नगरों की कहानी
★ अर्धनारीश्वर
★ लोक कथाएँ
★ संभवामि युगे-युगे
★ दधीचि की हड्डियाँ
★ समुद्र-मंथन
★ दशावतार
★ तीन नश्वर जीवन
★ भस्मासुर
★ अंडे से निकला आदमी
★ दोमुँही जीभ
★ ईमानदार ठग
★ इच्छा-मृत्यु
★ श्रीमती का स्वयंवर
★ मायाजाल
★ विवाह ऋण
★ हरिहर
★ नोट्स
Additional information
Authors | |
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Binding | Hardbound |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2018 |
Pulisher |
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