Anya Se Ananya

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Anya Se Ananya

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299.00 250.00

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Author: Prabha Khetan

Availability: 3 in stock

Pages: 284

Year: 2021

Binding: Paperback

ISBN: 9788126719310

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

अन्या से अनन्या

भारतीय साहित्य की विलक्षण बुद्धिजीवी डॉ. प्रभा खेतान दर्शन, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, विश्व-बाजार और उद्योग-जगत की गहरी जानकार थीं और सबसे बढ़कर सक्रिय स्त्रीवादी लेखिका। उन्होंने न सिर्फ विश्व के लगभग सारेस्त्रीवादी लेखन का व्यापक अध्ययन किया बल्कि अपने समाज में उपनिवेशित स्त्री के शोषण, मनोविज्ञान, मुक्ति के संघर्ष पर विचारोत्तेजक लेखन भी किया। और उसी क्रम में उन्होंने लिखी यह आत्मकथा ‘अन्या से अनन्या’।

‘हंस’ में धारावाहिक रूप से प्रकाशित इस आत्मकथा को जहाँ एक बोल्ड और निर्भीक आत्मस्वीकृति की साहसिक गाथा के रूप में अकुंठ प्रशंसनाएँ मिलीं वहीं बेशर्म और निर्लज्ज स्त्री द्वारा अपने आपको चौराहे पर नंगा करने की कुत्सित बेशर्मी का नाम भी इसे दिया गया…। महिला उद्योगपति प्रभा खेतान का यही दुस्साहस क्या कम रहा कि वह मारवाड़ी पुरुषों की दुनिया में घुसपैठ करती है। कलकत्ता चैम्बर ऑफ कॉमर्स की अध्यक्ष बनती है। एक के बाद एक उपन्यास और वैचारिक पुस्तकें लिखती है और वही प्रभा खेतान ‘अन्या से अनन्या’ में एक अविवाहित स्त्री, विवाहित डॉक्टर के धुआँधार प्रेम में पागल है। दीवानगी की इस हद को पाठक क्या कहेंगे कि प्रभा डाक्टर सर्राफ के इच्छानुसार गर्भपात कराती है और खुलकर अपने आपको डॉ. सर्राफ की प्रेमिका घोषित करती है।

स्वयं एक अत्यन्त सफल, सम्पन्न और दृढ़ संकल्पी महिला परम्परागत ‘रखैल’ का साँचा तोड़ती है क्योंकि वह डॉ. सर्राफ पर आश्रित नहीं है। वह भावनात्मक निर्भरता की खोज में एक असुरक्षित निहायत रूढ़िग्रस्त परिवार की युवती है।

प्रभा जानती है कि वह व्यक्तिगत रूप से ही असुरक्षित नहीं है बल्कि जिस समाज का हिस्सा है वह भी आर्थिक और राजनैतिक रूप से उतना ही असुरक्षित, उद्वेलित है। तत्कालीन बंगाल का सारा युवा-वर्ग इस असुरक्षा के विरुद्ध संघर्ष में कूद पड़ा और प्रभा अपनी इस असुरक्षा की यातना को निहायत निजी धरातल पर समझना चाह रही है…एक तूफानी प्यार में डूबकर…या एक बुर्जुआ प्यार से मुक्त होने की यातना जीती हुई…।

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Authors

Binding

Paperback

ISBN

Pages

Publishing Year

2021

Pulisher

Language

Hindi

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