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Description
अपनी कही
हर मौसम का रंग पहन लूँ क्या बसन्त क्या सावन। जितना चाहूँ उतना भीगूँ बारिशें पी जाऊँ। जो भी चाहूँ मैं बन जाऊँ पानी राख हवा। बनके फ़क़ीरा। चिन्मयी त्रिपाठी का पहला कविता संग्रह ‘अपनी कही’ प्रस्तुत है आपके सम्मुख।
Additional information
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2022 |
Pulisher |
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