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Description
आर्टिकल 15 अब फर्क लाएँगे
आर्टिकल 15 एक अलग तरह की अपराध कथा है। उन अपराधों की कहानी, जिनका हिस्सा जाने-अनजाने हम सब हैं। यह फ़िल्म पिछले कुछ सालों में हमारे आसपास घटी कई घटनाओं से विचलित और प्रेरित है। एक दिलचस्प थ्रिलर के रास्ते यह भारत के वर्तमान सामाजिक राजनैतिक हालात की परतें उधेड़ती है, सवाल करती है, रास्ते सुझाती है। भारतीय समाज में फ़र्क़ पैदा करने वाला सबसे बड़ा कारण ‘जाति’ आज भी करोड़ों लोगों को अमानवीय ज़िंदगी जीने पर मजबूर करता है, उन्हें कमतर इंसान मानता है। ‘सामाजिक व्यवस्था’ के नाम पर सदियों से चल रही इस नाइंसाफ़ी के सामने यह फ़िल्म भारत के संविधान को रख देती है और आँखों में आँखें डालकर हम सबसे पूछती है कि और कितने ज़ुल्म करने हैं तुम्हें ?
Additional information
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Pages | |
Publishing Year | 2019 |
Pulisher | |
Language | Hindi |
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