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Description
अतीत के चलचित्र
सभी रेखा-चित्रों को महादेवी ने अपने जीवन से ही लिया है, इसीलिए इनमें उनके अपने जीवन की विविध घटनाओं तथा चरित्र के विभिन्न पहलुओं का प्रत्यारोपण अनायास ही हुआ है। उन्होंने अनुभूत सत्यों को जस-का-तस अंकित किया है। महादेवी के रेखा-चित्रों की यह विशेषता भी है कि उनमें चरित्र-चित्रण का तत्त्व प्रमुख रहा है और कथ्य उसी का एक हिस्सा मात्र है। इनमें गंभीर लोकदर्शन का उद्घाटन होता चलता है, जो हमारे जीवन की सांस्कृतिक धारा की ओर इंगित करता है।
‘अतीत के चल-चित्र’ में सेवक ‘रामा’ की वात्सल्यपूर्ण सेवा, भंगिन ‘सबिया’ की पति-परायणता और सहनशीलता, ‘घीसा’ की निश्छल गुरुभक्ति, साग-भाजी बेचने वाले अंधे ‘अलोपी’ का सरल व्यक्तित्व, कुम्हार ‘बदलू’ व ‘रधिया’ का सरल दाम्पत्य प्रेम तथा पहाड़ की रमणी ‘लक्षमा’ का महादेवी के प्रति अनुपम प्रेम, यह सब प्रसंग महादेवी के चित्रण की अकूत क्षमता का परिचय देते हैं।
- रामा
- भाभी
- बिन्दा
- सबिया
- बिट्टी
- बालिका माँ
- घीसा
- अभागी स्त्री
- अलोपी
- बदलू
- लछमा
Additional information
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Pages | |
Publishing Year | 2023 |
Pulisher | |
Language | Hindi |
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