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आवाहन
सिद्ध गोलोकवासी म०म० डॉ० गोपीनाथ जी कविराज के साधना मार्ग के अनुयायी और उनकी पाण्डित्य परम्परा के उज्ज्वल नक्षत्र पं० अरुण कुमार शर्मा अपने आप में एक प्रच्छन्न साधक हैं इसमें सन्देह नहीं। इनकी सत्यान्वेषणात्मक प्रवृत्ति ने अध्यात्म के अनेक तिमिराच्छन्न और रहस्यमय तथ्यों को विज्ञान, परामनोविज्ञान का प्रसंगवश आश्रय लेकर उद्घाटित किया है अबतक। जिनका स्पष्ट प्रतिबिम्ब उनकी मूल्यवान पुस्तकें हैं और उन्हीं पुस्तकों में एक है ‘‘आवाहन’’। किसी एक विषय को लेकर कभी भी एक पुस्तक नहीं लिखी शर्माजी ने। प्रसंगवश जो भी आध्यात्मिक विषय स्मृति पटल पर आते गये, उसे लिखते गये महाशय। उनके स्मृतिकोष में कितनी कुछ आध्यात्मिक सम्पत्ति भरी हुई है, इसकी कल्पना मुझ जैसा साधारण व्यक्ति कदापि नहीं कर सकता।
विभिन्न प्रकार के शारीरिक विकार के प्रहारों के अतिरिक्त आयु का भी प्रहार सहन करते हुए भी इस महान पुरुष की लेखनी थमी नहीं, बराबर चलती ही जा रही है अभीतक। आशा और विश्वास है कि आवाहन भी आपके लिए उपादेय और ज्ञानवर्धक सिद्ध होगी।
Additional information
Authors | |
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Binding | Hardbound |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2014 |
Pulisher |
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