Baikunthpur Mein Bachpan

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Baikunthpur Mein Bachpan

Baikunthpur Mein Bachpan

495.00 375.00

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495.00 375.00

Author: Kanti Kumar Jain

Availability: 5 in stock

Pages: 224

Year: 2018

Binding: Hardbound

ISBN: 9789380458168

Language: Hindi

Publisher: Samayik Prakashan

Description

बैकुंठपुर में बचपन

संस्मरण विधा के सिद्ध लेखक कान्तिकुमार जैन की यह पुस्तक ‘बैकुंठपुर में बचपन’ दरअसल एक स्मृत्यालेख है। यहां वह सात से सोलह बरस की उम्र तक रहे। सात दशक बाद इन स्मृतियों को लेखक ने लिखते हुए जैसे फिर से जिया है।

स्मृतियों के अनंत में से आ रही एक के बाद एक स्मृति को अपने क्रीडाख्यान में बड़े जतन और प्यार से अंकित किया है कान्तिजी ने। समय का अंतराल इनके साथ और बहुत कुछ ऐसा ले आया है कि जीवन-अनुभवों का रस और बढ़ गया है। लेखक की मान्यता है कि रचनात्मकता हमारी स्मृति का संस्कार करती है। वह हमारी स्मृति का सचमुच पुनर्पाठ है।

इस कृति में संस्मरण के केंद्र में व्यक्ति भर नहीं है। उसके बहाने समूचे समाज, परिवेश और संस्कारों को भी खंगाला गया है। इस प्रक्रिया में लेखक का नजरिया बेहद यथार्थवादी है। वह अपने साथ-साथ समाज के भी अंतर्विरोधों पर अंगुली रखता है। वह मानता है कि सच्चा संस्मरणकार दुर्योधन नहीं, वेदव्यास होता है। इस अवधि में मिले पात्रों, संबंधियों, . अंतरंगों को लेखक ने अपनी परिचित रसपूर्ण शैली में बेलाग अंदाज में प्रस्तुत-किया है।

इसे पढ़ते हुए आप आख्यान के एक नए रूप से परिचित होंगे और पूरा पढ़ना आपके लिए मजबूरी हो जाएगी, क्योंकि भाषा आपको बांधे रखती है।

अनुक्रम

       बचपन के संस्मरण : स्मृतियों का रीमिक्स

★       बैकुंठपुर कहां है ?

★       तीन दुकानों की राजधानी

★       इतवार का दिन

★       एक हँसमुख नदी की यादें

★       सीता की लट

★       द्वंद्वयुद्ध में विषधर करैत की मौत

★       एक हाथी की अंत्येष्टि

★       जंगल के राजा का शिकार

★       जित देखौ तित बांस ही बांस

★       बैकुंठपुर की झरबेरियां

★       जंगली फलों का स्वाद

★       मनोरंजन के साधन

★       बैकुंठपुर में बहुरूपिये

★       मुश्किल खां का प्रेमपत्र

★       एक थे बैंडमास्टर

★       चुरकी में भरकर दारू के समान पीने का माद्दा

★       चिलबिलहिन

★       चरकट्टा

★       छप्पर छानेवाले की मौत

★       ईसुरी हरकारा

★       बोरे का कोट

★       जंगल साहब

★       पहलवान बाई

★       गार्डेन सुपरिटेंडेंट

★       भिखारी

★       रजवारिन

★       फकीरा सिंह

★       परदेशी

★       तुआ ततकार, गुलेल फटकार

★       गेज में बाढ़

★       टिड्डियों का हमला

★       शेर बच्चा

★       पोलिटिकल एजेंट का स्वागत

★       शीशा पत्थर पर गिरे फिर भी आवाज न हो

★       ग्यारहवीं की पढ़ाई

★       उस रात बैकुंठपुर जाग रहा था

★       अंटा गुड़गुड़ की रात

★       टोनाहिन की झाड़ू

★       उढ़का रात में आते

★       वह कटी हुई अंगुली किसकी थी ?

★       गेदी के गोदने

★       दुनिया की सबसे बड़ी गाली

★       बैंकुठपुर का कवियों के साथ सुलूक

★       क्रिकेट के जन्म की लोककथा

★       अलबिदा बैकुंठपुर, अलबिदा बचपन

Additional information

Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Pages

Language

Hindi

Publishing Year

2018

Pulisher

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