Baimani Ki Parat

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Baimani Ki Parat

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395.00 295.00

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Author: Harishankar Parsai

Availability: 4 in stock

Pages: 130

Year: 2024

Binding: Hardbound

ISBN: 9789350002674

Language: Hindi

Publisher: Vani Prakashan

Description

बेईमानी की परत

कोई भी विचार तभी अस्तिव में आता है जब वह वाणी ग्रहण करता है। प्रत्येक शब्द के पीछे एक विचार होता है। प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष, सही या गलत, विभिन्न अर्थों में और विषयों में, ध्वनियों और गंधों में एक शब्द अपने में हमारी तमाम भावनाओं को सम्मोहित करने की क्षमता रखता है। साहित्यिक भाषा विचार-बहन का एक सशक्त माध्यम है। इसलिए शायद लेखक लेखकीय सम्पूर्णता के लिए सदैव प्रयत्नशील रहता है। एक व्यंग्यकार तो अपनी सामाजिक समझ, जिम्मेदारी और अपने आम आदमी के साथ खड़े होने की तैयारी में दूसरे लेखकों से अधिक सतर्क, दृष्टिवान और योद्धा होता है।

परसाई जी के लेखन में इस गम्भीर चुनौती का सफलतापूर्वक सामना हुआ है। एक ओर जहाँ शैली की विविधता और पुराने मिथकों और पौराणिक पात्रों का नये सन्दर्भो और समसामयिक परिस्थितियों में सोश्य एवं सफल प्रयोग हुआ है, वहीं पाठक की रुचियों से स्त्री, नौकर की स्थितियों से उत्पन्न होनेवाले भौंडे हास्य-व्यंग्य को स्थापित किया गया है। वैसे परसाई जी के व्यंग्य की शिष्टता का सम्बन्ध उच्चवर्गीय मनोरंजन से न होकर समाज में सर्वहारा की उस लड़ाई से अधिक है जो आगे जाकर मनुष्य की मुक्ति में जुड़ती है।

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Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2024

Pulisher

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