Bapu Katha Chaudas

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Bapu Katha Chaudas

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125.00 124.00

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Author: Madhuker Upadhyay

Availability: 5 in stock

Pages: 99

Year: 2022

Binding: Paperback

ISBN: 9788195021703

Language: Hindi

Publisher: Sahitya Academy

Description

बापू कथा चौदस

बापू कथा चौदस कहा जाता है कि मोहनदास करमचंद गाँधी पर लिखना दुनिया का सबसे सरल और सबसे कठिन काम है। उनके बारे में इतनी सामग्री उपलब्ध है कि साल और महीने का नहीं, दिन, घंटे और मिनट का ब्योरा दिया जा सकता है। जिसका जीवन मुहावरे से अधिक खुली किताब हो, उसका पन्ना नहीं पलटना पड़ता। हल्की हवा चले तो पन्ने आगे-पीछे हो जाते हैं। यह सामग्री की विपुलता ही है, जो महात्मा को आसान और कठिन बनाती है। आप किसी गोताखोर की तरह डुबकी लगाते हैं, पर इससे पहले कि सब कुछ समेट लें, साँस उखड़ जाती है। जितना हाथ आता है, उसी में संतोष कर लेना पड़ता है। जितना मिलता है, उससे अधिक छूट जाता है। आसानी यह है ख़ाली हाथ कोई नहीं लौटता। गाँधी किसी को निराश नहीं करते। महात्मा गाँधी पर आज भी किताबें लिखी जा रही हैं और शायद अगले सौ-दो सौ साल तक लिखी जाती रहेंगी। हैरानी की बात यह है कि जो भी नई किताब आती है, नई लगती है। उसमें दोहराव नहीं होता। महात्मा हर लेखक के लिए चुनौती की तरह सामने आते हैं। बापू कथा चौदस महात्मा के पहले से अंतिम दिन तक की तमाम घटनाएँ कहानी की तरह कही गई हैं। उनके कुछ वाक्यों को वार्तालाप में बदल दिया गया है, कुछ घटनाओं को नाटकीय बनाया गया है, लेकिन न उसका कोई चरित्र काल्पनिक है, न घटना। पुस्तक में जो कहानियाँ हैं, उनके पात्रों में प्रमुख भूमिका किशोरों और युवाओं की है। उनके सवाल और महात्मा के उत्तर कहानियों की पृष्ठभूमि तैयार करते हैं। जिन घटनाओं में युवक सीधे-सीधे सम्मिलित नहीं हैं, पर विषय उनकी रुचि का है, उन्हें भी ‘चौदस’ में शामिल कर लिया गया है। कथा चौदस में बापू के बचपन, लंदन में पढ़ाई, दक्षिण अफ्रीका के दिन और भारत वापसी के साथ चंपारण नील आंदोलन, खेड़ा सत्याग्रह, चौरी चौरा, बारदोली, सविनय अवज्ञा और गोलमेज़ सम्मलेन शामिल हैं। भारत छोड़ो आंदोलन, नोआखाली, देश की आज़ादी और दिल्‍ली में उनके अंतिम दिन तक की घटनाएँ इसके कथा-फलक में आती हैं।

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Paperback

Language

Hindi

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Pages

Publishing Year

2022

Pulisher

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