Baraha Ghante

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Baraha Ghante

Baraha Ghante

90.00 68.00

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90.00 68.00

Author: Yashpal

Availability: 5 in stock

Pages: 112

Year: 2010

Binding: Paperback

ISBN: 9788180315046

Language: Hindi

Publisher: Lokbharti Prakashan

Description

बारह घंटे

‘बारह घंटे’ यशपाल का अपने पाठकों के लिए एक वैचारिक आमन्त्रण है। ईसाई समाज की पृष्ठभूमि में घटित इस उपन्यास के केन्द्र में विधवा विनी और विधुर फेंटम हैं जो कुछ विशेष परिस्थितियों में परस्पर भावनात्मक बंधन में बँध जाते हैं। उपन्यास की नायिका विनी की ओर से इस वृत्तान्त को ‘पाठकों के सम्मुख एक अपील के रूप में’ रखते हुए यशपाल इस उपन्यास के माध्यम से अनुरोध करते हैं कि ‘विनी को प्रेम अथवा दाम्पत्य निष्ठा निबाह न सकने का कलंक देने का निर्णय करते समय, विनी के व्यवहार को केवल परम्परागत धारणाओं और संस्कारों से ही न देखें। उसके व्यवहार को नर–नारी के व्यक्तिगत जीवन की आवश्यकता और पूर्ति की समस्या के रूप में तर्क तथा अनुभूति के दृष्टिकोण से, मानव में व्याप्त प्रेम की प्राकृतिक अनिवार्य आवश्यकता के रूप में भी देखें।’

वे पूछते हैं कि क्या नर–नारी के परस्पर आकर्षण अथवा दाम्पत्य सम्बध को केवल सामाजिक कर्तव्य के रूप में ही देखना अनिवार्य है ? आर्यसमाजी वर्जनाओं और दृष्टि की तर्कपूर्ण आलोचना करने वाला यशपाल का एक विचारोत्तेजक उपन्यास।

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Publishing Year

2010

Pulisher

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Hindi

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