Bees Dinon Kee Jannat

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Bees Dinon Kee Jannat

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Author: Mohandas Naimishrai

Availability: 5 in stock

Pages: 216

Year: 2023

Binding: Paperback

ISBN: 9789355184467

Language: Hindi

Publisher: Vani Prakashan

Description

बीस दिनों की जन्नत

मोहनदास नैमिशराय एक ऐसी शख़्सियत हैं, जो बचपन से ही जीवन के यथार्थ से रू-ब-रू हो गये थे। जिन्होंने बचपन में तथागत बुद्ध को याद करते हुए ‘बुद्ध वन्दना’ में शामिल होना शुरू कर दिया था। उनके दर्शन से जुड़े। इसलिए कि डॉ. अम्बेडकर का मेरठ में हुआ भाषण उनकी स्मृति में था। जैसा उन्होंने स्वयं अपनी आत्मकथा ‘अपने-अपने पिंजरे’ में लिखा है- 6 दिसम्बर, 1956 को जब बाबा साहेब का परिनिर्वाण हुआ, जब उनकी बस्ती में कोई चूल्हा नहीं जला था। उदास चूल्हे, उदास घर और उसी उदासी के परिवेश की गिरफ्त में दलित।

नैमिशराय जी के लेखकीय खाते में दो कविता संग्रह के साथ पाँच कहानी संग्रह, पाँच उपन्यास से इतर दलित आन्दोलन / पत्रकारिता से इतर अन्य विषयों पर 50 पुस्तकें दर्ज हुई हैं। नैमिशराय जी ने फ़िल्म जगत में भी टैली फ़िल्म, डाक्यूमेंट्री, फ़ीचर फ़िल्म आदि लिख कर दस्तक दी थी। वह बात अलग है कि उन्हें सफलता नहीं मिली। रेडियो के लिए भी लिखा और मंडी हाउस में रंगमंच से भी जुड़े। अदालतनामा, हैलो कामरेड आदि नाटक भी लिखे। उन्होंने अंग्रेज़ी तथा मराठी से अनुवाद भी किये। वे भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान (राष्ट्रपति निवास), शिमला में फ़ेलो भी रहे। साथ ही डॉ. अम्बेडकर प्रतिष्ठान, नयी दिल्ली में मुख्य सम्पादक के रूप में उन्होंने अपनी ज़िम्मेदारी निभायी। महात्मा गाँध अन्तरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा में विजिटिंग प्रोफ़ेसर भी रहे। उनके पत्रकारिता से भी रिश्ते रहे। पहले बहुजन अधिकार पाक्षिक फिर बयान मासिक पत्रिका लगभग 10 बरस तक नियमित रुप से निकालते रहे।

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Paperback

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Hindi

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Publishing Year

2023

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