Beghar

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Beghar

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Author: Mamta Kaliya

Availability: 4 in stock

Pages: 157

Year: 2023

Binding: Paperback

ISBN: 9789388183024

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

बेघर

हिन्दी उपन्यास पुनर्परिभाषा के जिस बिन्दु पर आ पहुँचा है, वहीं बेघर की कथा आरम्भ होती है। महानगरों में रहते युवा वर्ग के संघर्ष, सफलता और अन्तर्सम्बन्धों को आधुनिक, बेधक शिल्प में रेखांकित करता यह उपन्यास वर्तमान समय का दस्तावेज बन जाता है। परमजीत अकस्मात् संजीवनी से टकरा जाता है। एक दिन उन दोनों के जिस्म घुलमिल जाते हैं पर इस मिलन से ही नए सवाल जन्म लेते हैं। प्रेमी परमजीत को लगता है कि प्रेमिका संजीवनी असूर्यपश्या नहीं है, उसके जीवन का पहला पुरुष परमजीत नहीं है। यह वह क्षण है जब परमजीत प्रेमी की जगह पुरुष अहं को साकार करते हुए संजीवनी को छोड़ देता है। कौमार्य के मिथ की मार झेलती संजीवनी वापस अपने सूनेपन में सीमित रह जाती है जबकि परमजीत रमा से पारम्परिक विवाह कर लेता है। इस बार उसे तकनीकी तौर पर विशुद्ध ‘कुँवारी’ पत्नी मिलती है। ‘सुन्दर, सुशील और गृह-कार्य में दक्ष’ वर्ग में उसका शुमार होता है पर वह अपनी मानसिकता और जीवन-शैली में इतनी जड़ और जकड़बन्द है कि उसे बदलना परमजीत के लिए सम्भव नहीं है; बल्कि वह स्वयं, भावात्मक, दैहिक और मानसिक धरातल पर एकाकी होता चला जाता है। यह अकेलापन अन्ततः एक क्राइसिस पर समाप्त होता है।

स्त्री को लेकर पुरुष-समाज में आज भी जो रूढ़ धारणाएँ, अमानवीय और अवैज्ञानिक सोच हैं, ममता कालिया का उपन्यास बेघर इन्हीं रूढिय़ों पर चोट करता है। समकालीन उपन्यासों में लेखिका की यह कथाकृति विशेष रूप से चर्चित व प्रशंसित रही है।

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Paperback

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Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2023

Pulisher

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