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Description
बर्ल्टोल्ट ब्रेख्त की कहानी पर आधारित चन्द्रकान्त देवताले द्वारा नाट्य रूपान्तरण ‘सुकरात का घाव’ बहुत ही प्रभावशाली है। रंगमंच पर सफलतापूर्वक मंचस्थ नाटक ‘सुकरात का घाव’ का कला पक्ष भी उतना ही सबल है जितना साहित्य पक्ष। इसका उज्जैन के समर्पित रंगकर्मी धीरेन्द्र परमार के निर्देशन में कई जगह सफल प्रदर्शन हुआ है। ‘दरअसल जान बचाते हुए ज़िन्दा नहीं रहा जा सकता। मैंने कुछ नहीं किया…सिर्फ़ ज़िन्दा रहने और ज़िन्दा रखने की कोशिश के सिवा।’ ‘सत्य के खि़लाफ़ झूठ गुस्ताख़ी करता है, ज़िन्दगी के खि़लाफ़ मौत, शान्ति के खिलाफ़ युद्ध गुस्ताख़ी है, मेरे खि़लाफ़ मौन’ – जैसे संवाद नाटक को और रोचक एवं प्रभावकारी बना देते हैं।
नाटक का कथानक सार्वकालिक है, संवाद प्रभावशाली हैं। यही नाटक की सफलता का रहस्य है।
Additional information
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2017 |
Pulisher |
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