Bharat Ki Chitrakala Ki Kahani
Bharat Ki Chitrakala Ki Kahani
₹90.00 ₹72.00
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Author: Bhagwatsharan Upadhyay
Pages: 56
Year: 2022
Binding: Paperback
ISBN: 9788170284642
Language: Hindi
Publisher: Rajpal and Sons
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Description
भारतीय चित्रकला की कहानी
भारतीय चित्रों की कहानी उतनी ही पुरानी है, जितनी भारतीय मूर्तियों की। बल्कि यह उससे भी पुरानी हो सकती है क्योंकि चित्र बनाना मूर्तियों की तुलना में ज्यादा आसान होता है। यह कहानी आज से करीब पाँच हजार साल पहले शुरू होती है, और अगर हम जँगली शिकारियों की तस्वीरों का उल्लेख करें तो दस हजार साल पहले से भी पहले। पर मूर्तियों और चित्रों के इतिहास में एवं दोनों के विकास के तरीकों में कुछ अन्तर भी रहा है। मूर्तियाँ हमें शुरू से ही आश्चर्य के नमूनों के रूप में मिलती हैं, पर चित्र मूर्तियों की तरह, आरम्भ में बहुत मनोहारी नहीं मिलते। हालाँकि अपने देश की पहली मूर्तियों से पहले के चित्र हजारों क्या दसों हजारों बरस ज्यादा पुराने हैं।
इसी तरह मूर्तियों का अरम्भ भरा-पूरा होने के बावजूद बारहवीं सदी ईस्वी के बाद उनका बनना बन्द-सा हो जाता है। पर बारहवीं सदी के बाद चित्रों की एक से बढ़कर एक शैलियाँ चल पड़ती हैं, जो लगातार अठारहवीं-उन्नीसवीं सदी तक काफी मात्रा में जीवित रहती हैं और बीसवीं सदी में जहाँ मूर्तिकला सदियों से गायब रहकर बड़े हल्के तौर से हमारे कलाकारों की ओर अपने को खींचती हैं, चित्रकला अपने वर्तमान युग के विविध प्रयोगों में फिर से जी उठती है।
भारतीय चित्रकला की कहानी समझने के लिए हमें उसे नीचे लिखे बारह युगों में बाँटना होगा—
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Pages | |
Publishing Year | 2022 |
Pulisher | |
Language | Hindi |
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