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भारत की पहचान
राष्ट्र, राष्ट्रवाद और राष्ट्रीयता इन दिनों भारत देश में चर्चित एवं लोकप्रिय पद बने हुए हैं। नया भारत अपनी जड़ों को देखना, समझना चाहता है, फलतः वह अपनी जड़ों की तलाश के प्रति उन्मुख और उद्यत हो रहा है। भारत और भारतीयता भी नई पीढ़ी के लिए लुभावने शब्द बन रहे हैं। कहना चाहिए कि यह दौर स्वयं को पहचानने और अस्मिता की तलाश का दौर है। ऐसे में मर्मज्ञ और मूर्धन्य विचारक-लेखक विद्यानिवास मिश्र के भारत राष्ट्र, भारतीय मूल्य और परंपरा, भारत की सभ्यता, संस्कृति तथा भारत के लोक एवं धर्म के संबंध में किये गए गहन विचार बेहद प्रासंगिक हो चले हैं। वैसे विचार, जी समय या काल की सीमा में बँधे न हों, कालजयी और समयातीत होते हैं। समय के प्रवाह में ऐसे विचार नष्ट नहीं होते बल्कि और चमकदार होकर उभरते हैं।
प्रस्तुत पुस्तक में स्वर्गीय पंडित विद्यानिवास मिश्र के ऐसे ही इकतीस लेखों का संकलन है जिनका चयन एवं संपादन गिरीश्वर मिश्र ने किया है। सामान्य पाठकों के अलावा नई पीढ़ी के लिए विशेष तौर पर, यह पुस्तक उन्हें भारत को पहचानने की दृष्टि देगी और वैचारिक रूप से समृद्ध करेगी।
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Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2019 |
Pulisher |
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