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Description
भारत वैभव
इस पुस्तक में वेद तथा ब्राह्मण, आरण्यक व उपनिषद् सहित वेदाङ्ग एवं उपवेद में वर्णित आर्ष ज्ञान परंपरा, पुराणों की महत्ता, दर्शन व उसके विविध स्वरूप, भारत राष्ट्र की सनातनता के वास्तविक स्वरूप, भारतीय संस्कृति/सभ्यता/संस्कार व लोक व्यवस्थाएँ, भाषाओं व लिपियों का विकास, अंङ्ग व गणित विद्या, कालगणना की भारतीय अवधारणाएँ, प्राचीन शिक्षा पद्धति की उत्कृष्टता, कला (नृत्य, संगीत, वाद्य व स्थापत्य) तथा साहित्यिक वाङ्मय की विपुलता, वैज्ञानिक अन्वेषणों की विलक्षण उपलब्धियाँ, पारिस्थितिकी के अनुरूप तकनीकी दक्षता, आयुर्वेद चिकित्सा व भक्ष्याभक्ष्य विचार, योग साधना, पर्यावरण के प्रति भारतीय दृष्टि, कृषि व उद्योग का उत्कर्ष, अर्थ-चिन्तन की शुचिताएँ, राजनीति व दण्ड विधान की मौलिकता के साथ परिशिष्ट में भारतीय ऋषि परम्परा, महाभारत काल पश्चात् हुए राजवंशों तथा प्रमुख भारतीय पर्व व त्योहारों की सूचियों के अतिरिक्त वैश्विक विद्वानों द्वारा भारतीय ज्ञान परम्परा की प्रशस्ति में व्यक्त किए गए उद्गारों को समावेशित किया गया है।
विषय सूची
- पुरोवाक्
- प्रार्थना
- प्ररोचना
- भारतराष्ट्र की सनातनता
- भारतीय ज्ञान परम्परा (वैदिक वाड्गमय, पुराण एवं दर्शन )
- भाषा का अवतरण और लिपि का विकास
- भारतीय अङ्ग-विद्या व गणित की विधाएँ
- कालगणना की भारतीय अवधारणा
- भारतीय शिक्षा
- भारतीय कला एवं साहित्य वैभव
- प्राचीन भारत में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
- भारतीय संस्कृति, सभ्यता एवं शौर्य
- भारतीय लोक-व्यवस्थाएँ (व्यक्ति, परिवार, लोक एवं राष्ट्र)
- पर्यावरण संरक्षण – भारतीय दृष्टिकोण
- स्वास्थ्य की भारतीय संचेतना : आयुर्वेद एवं अष्टाङ्गयोग
- कृषि एवं उद्योग की भारतीय परंपरा
- भारतीय अर्थचिंतन
- भारतीय राजनीति एवं दण्डविधान
परिशिष्ट
- भारतीय ऋषि परम्परा
- भारतीय ग्रन्थों पर आधारित महाभारत पश्चात् की राजवंश परम्परा
- महाभारत पश्चात् के नदी, पर्वत एवं जनपद
- विश्व के मूर्धन्य विद्वानों द्वारा भारत-वैभव का वर्णन
- प्राचीन भारतीय पर्व एवं त्यौहार
- सन्दर्भ ग्रन्थ सूची
- ग्रन्थ संयोजन में विषयानुरूप आंशिक अवदान
Additional information
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2020 |
Pulisher |
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