Bharatiya Itihas Ke Mahattvapoorn Padav : Punarvyakhya

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Bharatiya Itihas Ke Mahattvapoorn Padav : Punarvyakhya

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Author: Irfan Habib

Availability: 5 in stock

Pages: 248

Year: 2022

Binding: Paperback

ISBN: 9789355184658

Language: Hindi

Publisher: Vani Prakashan

Description

भारतीय इतिहास के महात्त्वपूर्ण पड़ाव : पुनर्व्याख्या

इस संग्रह में इरफान हबीब के आठ निबन्ध संकलित हैं। निबन्धों में विषय का वैविध्य तो है, किन्तु इस अर्थ में एकसूत्रता है कि सभी निबन्धों में कमोवेश इस धारणा अथवा प्रचार के विरुद्ध एक बहस की गयी है कि भारतीय समाज परिवर्तनहीन और जड़ परम्पराओं से ग्रस्त रहा है। ‘भारतीय इतिहास की व्याख्या’ उनका महत्त्वपूर्ण निबन्ध है। इसमें वे स्थापित करते हैं कि इतिहास का पुनः पाठ एक निरन्तर प्रक्रिया है। हम अतीत की समीक्षा इस आशा में करते हैं कि शायद वह हमारे वर्तमान के लिए भी कुछ उपयोगी हो। यद्यपि जातीय व्यवस्था के विषय में उन्होंने अपने लेखों में जगह-जगह टिप्पणियाँ की हैं, किन्तु ‘भारतीय इतिहास में जाति’ लेख में उन्होंने जाति व्यवस्था के सन्दर्भ में विस्तार से विचार किया है-विशेष रूप से लुई इयूमाँ की पुस्तक ‘होमो हायरार्किकस’ के सन्दर्भ में। वे जाति की विचारधारा को शुद्ध रूप से ब्राह्मणवादी नहीं मानते। इरफ़ान हबीब (1931) भारत के अन्तरराष्ट्रीय स्तर के इतिहासकार हैं। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से इतिहास में एम.ए. करने के बाद ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय (इंग्लैंड) से उन्होंने डी. लिट् की उपाधि ली है। ऐग्रेरियन सिस्टम ऑफ़ मुग़ल इंडिया जैसी विश्वविख्यात पुस्तक लिखने के अलावा एन अटलस ऑफ़ मुग़ल एम्पायर (1982) भी तैयार किया है। सौ से ऊपर शोध-पत्र लिखे हैं और कुछ महत्त्वपूर्ण पुस्तकों का सम्पादन किया है। वे पीपुल्स हिस्ट्री ऑफ़ इंडिया श्रृंखला के प्रधान सम्पादक हैं। इतिहास में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए रवीन्द्र भारती कलकत्ता विश्वविद्यालय, कलकत्ता ने उनको डी.लिट् की मानद उपाधि से और अमेरिकन हिस्टोरिकल एसोसिएशन ने बाटमुल पुरस्कार से सम्मानित किया है। सम्प्रति वे अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग में प्रोफ़ेसर एमेरिटस हैं।

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Paperback

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Language

Hindi

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Publishing Year

2022

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