Bharatiya Sanskriti Aur Hindi Pradesh-1

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Bharatiya Sanskriti Aur Hindi Pradesh-1

Bharatiya Sanskriti Aur Hindi Pradesh-1

950.00 770.00

In stock

950.00 770.00

Author: Ramvilas Sharma

Availability: 5 in stock

Pages: 700

Year: 2020

Binding: Hardbound

ISBN: 9788170164388

Language: Hindi

Publisher: Kitabghar Prakashan

Description

भारतीय संस्कृति और हिन्दी-प्रदेश : 1

महाभारत और रामायण में सभागारों और बड़े-बड़े भवनों का वर्णन है। वे हड़प्पा सभ्यता के अवशेषों में प्रत्यक्ष है। पाटलिपुत्र एक बड़े साम्राज्य की राजधानी बना। वहां के भवन चीनी यात्री फाहियान ने देखे तो उसने सीधा, ये मनुष्यों के नहीं, देवों के बनाए हुए होंगे। पाटलिपुत्र, काशी, मथुरा और उज्जयिनी, ये भारत के प्राचीन नगर थे। आज भी ये संसार के ऐसे प्राचीनतम नगर हैं, जिनका इतिहास अब तक अटूट चला आ रहा है। भारतीय संस्कृति का बहुत गहरा संबंध इन चार महानगरों से है। इन नगरों पर ध्यान देते ही यह प्रचलित धारणा खंडित हो जाती है कि भारत ग्राम समाजों का देश है, यहाँ के लोग कला-कौशल में पिछडे हुए थे और हमें उन्हें ग्राम समाजों की ओर लौट जाना चाहिए। ये चारों महानगर विभिन्न युगों में व्यापारिक संबंधों से परस्पर जुड़े रहे हैं। इन्होंने दक्षिण जनपदों के मदुरै आदि नगरों से भी संबंध कायम किया था। मगध से मालवा तक अब जातीय भाषा के रूप में हिन्दी का व्यवहार होता है। नगरों के बिना हिन्दी का यह प्रसार भारत के सबसे बड़े जातीय क्षेत्र में असंभव था। इन नगरों के द्वारा हिन्दी प्रदेश के जनपद प्राचीन काल से परस्पर संबद्ध हुए और दक्षिण भारत से उन्होंने अपना संबंध जोड़ा। इसलिए भारत राष्ट्र के निर्माण में और भारतीय संस्कृति के विकास में हिन्दी प्रदेश की निर्णायक भूमिका स्वीकार करनी चाहिए। दक्षिण में तमिलनाडु, उत्तर में कश्मीर, पूर्व में असम और पश्चिम में गुजरात, दूर-दूर के इन प्रदेशों को जोड़ने वाला, इनके बीच स्थित विशाल हिन्दी प्रदेश है। ऋग्वेद, अथर्ववेद, उपनिषद, महाभारत, रामायण, अर्थशास्त्र की रचना यहीं हुई। यहीं कालिदास और भवभूति ने अपने ग्रंथ रचे और मौर्य तथा गुप्त साम्राज्यों की आधारभूमि यही प्रदेश था। उत्तरकाल से दिल्ली, आगरा इस प्रदेश के बहुत बड़े नगर बने। ये व्यापार के बहुत बड़े केंद्र थे और सांस्कृतिक केंद्र भी थे। तुर्कवंशी राजाओं ने यहीं रहकर शताब्दियों तक एक बहुत बड़े राज्य का संचालन किया था। विद्यापति, कबीर, सूरदास, तुलसीदास जैसे कवि इसी क्षेत्र में हुए। इसी प्रदेश में प्रसिद्ध संगीतकार तानसेन का जन्म हुआ। अपने स्थापत्य सौन्दर्य से संसार को चकित कर देने वाला ताजमहल इसी प्रदेश के आगरा नगर में है। इसलिए इस पुस्तक का नाम भारतीय संस्कृति और हिन्दी-प्रदेश है।

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Hardbound

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Language

Hindi

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Publishing Year

2020

Pulisher

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