Bhartiya Bhashaon Mein Ramkatha : Kannad Bhasha

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Bhartiya Bhashaon Mein Ramkatha : Kannad Bhasha

Bhartiya Bhashaon Mein Ramkatha : Kannad Bhasha

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Author: Pro.T.R Bhatt

Availability: 5 in stock

Pages: 98

Year: 2015

Binding: Hardbound

ISBN: 9789352290536

Language: Hindi

Publisher: Vani Prakashan

Description

भारतीय भाषाओं में रामकथा – कन्नड़

भारतीय संस्कृति के विभाजन को केन्द्र में रखते हुए भारतीय भाषाओं एवं राज्यों को पृथक्-पृथक् खंडों में बाँटने वाले विदेशी राजतन्त्रों के कारण भारत बराबर टूटते हुए भी, अपने सांस्कृतिक सन्दर्भों के कारण, अब भी एक सूत्र में बँधा है। एकता के सूत्र में बाँधने वाले सन्दर्भों में राम, कृष्ण, शिव आदि के सन्दर्भ अक्षय हैं। भारतीय संस्कृति अपने आदिकाल से ही राममयी लोकमयता की पारस्परिक उदारता से जुड़ी सम्पूर्ण देश, उसके विविध प्रदेशों एवं उनकी लोक व्यवहार की भाषाओं में लोकाचरण एवं सम्बद्ध क्रियाकलापों से अनिवार्यतः हजारों-हजारों वर्षों से एकमेव रही है। सम्पूर्ण भारत तथा उसकी समन्वयी चेतना से पूर्णतः जुड़ी इस भारतीय अस्मिता को पुनः भारतीयों के सामने रखना और इसका बोध कराना कि पश्चिमी सभ्यता के विविध रूपों से आक्रान्त हम भारतीय अपनी अस्मिता से अपने को पुनः अलंकृत करें।

भारतीय भाषाओं में रामकथा को जन-जन तक पहुँचाने का यह हमारा विनम्र प्रयास है। कन्नड़ में रामकथा की भरमार का मुख्य कारण यह रहा है कि कन्नड़ प्रदेश विभिन्न धार्मिक सन्तों की कर्मभूमि रही है। रामानुजाचार्य, मध्वाचार्य एवं शंकराचार्य आदि ने यहाँ अपने मतों का खूब प्रचार किया और विशेष रूप में आचार्य मध्वाचार्य एवं वैष्णव मत का खूब प्रचार-प्रसार यहाँ रहा है। इसलिए रामकथा को लोगों की अधिक स्वीकृति मिल गयी और राम पूर्ण रूप से यहाँ लोकजीवन और लोकमानस में घुल-मिल और समा गये हैं।

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Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2015

Pulisher

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