Bhartiya Kala Ke Antarsambandh

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Bhartiya Kala Ke Antarsambandh

Bhartiya Kala Ke Antarsambandh

160.00 138.00

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Author: Narmada Prasad Upadhyay

Availability: 4 in stock

Pages: 127

Year: 2021

Binding: Paperback

ISBN: 9788123793849

Language: Hindi

Publisher: National Book Trust

Description

भारतीय कला के अंतर्संबंध

भारतीय कला का मर्म उसका सौंदर्य पक्ष है और पाश्चात्य सौदर्य की अवधारणा से भारतीय अवधारणा का साम्य नहीं है। भारतीय कला में ना तो क्लिष्टता है और ना ही दुरूहता। वह नैसर्गिक है। हमारे दर्शन के अनुसार तो जीवन जीना ही अपने आप में एक कला है। वास्तव में कला अरूप का ऐसा मोहक स्वरूप है जो चित्र, शिल्प और स्थापत्य जैसे रूपों में दिखाई देता है। इस पुस्तक में कुल आठ निबंध हैं जो भारतीय कला के साहित्य से अंतर्सबंध, उसकी लोक दृष्टि, मध्य भारत की अचीन्‍ही चित्र शैलियाँ जैसे विषयों पर हैं। निबंध के साथ आख्यान चलते हैं जो निबंधों को रोचक बनाते हैं।

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Paperback

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Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2021

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