Bhartiya Rajeeti Ko Panditdeen Dayal Upadhyay Ka Yogdaan
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भारतीय राजनीति को पं. दीनदयाल उपाध्याय का योगदान
पं. दीनदयाल उपाध्याय में चाणक्य की राजनीति, कौटित्य का अर्थशास्त्र और विवेकानंद की भाँति देश के प्रति समर्पण कूट-कूट कर भरा हुआ था। यह पुस्तक पं. उपाध्याय की वैचारिक निष्ठा, कर्तव्यबोध, निष्कलंक राजनीतिक जीवन, देश की समस्याओं के प्रति उनकी गहन सोच का आकलन करती है। दीनदयालजी गरीबों और वंचितों को अपने दर्शन की दृष्टि से ‘नारायण’ मानते थे। आधुनिक भारतीय राजनीति के आदर्श स्वरूप का एक दर्शन विकसित करने में अनिकेत संत पं. उपाध्याय का विशिष्ट योगदान है। श्रम सौजन्य और शालीनता के प्रतीक दीनदयालजी कहते थे कि ‘जनतंत्र में सत्ता के प्रति उच्च स्तर तक की निरासक्ति आवश्यक है। भगवान राम की तरह जनतंत्र में राजनीतिज्ञ को आह्वान मिलने पर सत्ता स्वीकार करने और क्षति की चिंता किये और उसका परित्याग कर देने को सदा तैयार रहना चाहिए।’’
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Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2020 |
Pulisher |
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