Bhramar Geet : Saundaryashastriya Anushilan

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Bhramar Geet : Saundaryashastriya Anushilan

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895.00 695.00

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Author: Dr. Rajendra Prasad Singh

Availability: 5 in stock

Pages: 264

Year: 2023

Binding: Hardbound

ISBN: 9789393603845

Language: Hindi

Publisher: Lokbharti Prakashan

Description

भ्रमरगीत : सौन्दर्यशास्त्रीय अनुशीलन

हिन्दी में जिस समय आधुनिक काल से पहले की साहित्यिक घटनाओं पर शोध कार्य अत्यन्त अल्प हो चुका है, उस समय श्री राजेन्द्र प्रसाद सिंह की पुस्तक ‘भ्रमरगीत : सौन्दर्यशास्त्रीय अनुशीलन’ का प्रकाशन आश्वस्तिकारक है। शोध और आलोचना के क्षेत्र में यह पुस्तक विज्ञ जन और आम पाठक दोनों के लिए उपादेय होगी, ऐसा विश्वास है। हिन्दी में भ्रमरगीत की सुदीर्घ परम्परा का अवगाहन कर लेखक ने उसे समझने और उसमें निमग्न होने के विस्तृत आधार प्रस्तुत किए हैं। मध्य युग से लेकर आधुनिक समय तक चली आती इस वैभवशाली काव्य-परम्परा का सौन्दर्यशास्त्रीय मान-मूल्यों के आलोक में अनुशीलन जिस गम्भीर अध्यवसाय की माँग करता है, उसका प्रमाण पुस्तक के हरेक अध्याय में मिलता है। आशा है यह पुस्तक हिन्दी साहित्य के रिक्थ को और समृद्ध करेगी।

प्रो. प्रणय कृष्ण

विभागाध्यक्ष, हिन्दी विभाग,

इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रयागराज

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Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2023

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