Bichhde Sabhi Baari-Baari

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Bichhde Sabhi Baari-Baari

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225.00 185.00

In stock

225.00 185.00

Author: Bimal Mitra

Availability: 4 in stock

Pages: 191

Year: 2012

Binding: Paperback

ISBN: 9789350001356

Language: Hindi

Publisher: Vani Prakashan

Description

बिछडे़ सभी बारी-बारी

बांग्ला के विख्यात कथाकार बिमल मि़त्र की फिल्म अभिनेता और निर्देशक-निर्माता गुरुदत्त से मुलाक़ात उनके लोकप्रिय उपन्यास साहब-बीवी-ग़ुलाम पर फ़िल्म बनाने के सिलसिले में हुई थी। कुछ ही दिनों में यह संबंध ऐसी प्रगाढ़ मैत्री में बदल गया कि गुरुदत्त की ट्रेजिक ज़िन्दगी के रेशे-रेशे लेखक के सामने खुलने लगे। यह संस्मरणात्मक पुस्तक इन्हीं हसीन और उदास रेशों से बुनी गई है। गुरुदत्त द्वारा आत्महत्या कर लेने की ख़बर सुन कर बिमल मित्र के दिमाग को तरह-तरह के सवाल मथने लगे : गुरुदत्त की ज़िन्दगी में आख़िर किस चीज का अभाव था ? वह इतना परेशान क्यों था ? वह इतनी पीड़ा क्यों झेल रहा था ? वह रात-दर-रात, बिना सोये, यूँ जाग-जाग कर क्यों गुजारता था ? दुनिया में सुखी होने के लिए इनसान जिन-जिन चीज़ों की कामना करता है, गुरुदत्त के पास वह सब कुछ था। मान-सम्मान, यश, दौलत, प्रतिष्ठा, सुनाम, सेहत, ख़ूबसूरत बीवी, प्यारे-प्यारे बच्चे – उसके जीवन में क्या नहीं था ? इसके बावजूद वह किसके लिए बेचैन, छटपटाता रहता था ? मानव चरित्र के पारखी और अध्येता बिमल मित्र ने इस अत्यंत पठनीय पुस्तक में विभिन्न घटनाओं और वृत्तांतों के बीच से इस पहेली को ही सुलझाने की चेष्टा की है। इस प्रक्रिया में गुरुदत्त की गायिका पत्नी गीतादत्त, गुरुदत्त की ख़ूबसूरत खोज वहीदा रहमान तथा इनके पेचीदा संबंध ही नहीं, और भी ऐसा बहुत कुछ सामने आता चलता है जिससे बॉलीवुड की अंदरूनी ज़िन्दगी की विश्वसनीय झाँकियाँ उपलब्ध होती हैं।

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Paperback

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2012

Pulisher

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