Bisvin Shatabdi Ka Hindi Sahitya

-25%

Bisvin Shatabdi Ka Hindi Sahitya

Bisvin Shatabdi Ka Hindi Sahitya

695.00 520.00

In stock

695.00 520.00

Author: Vijay Mohan Singh

Availability: 5 in stock

Pages: 260

Year: 2019

Binding: Hardbound

ISBN: 9788126710904

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

बीसवीं शताब्दी का हिन्दी साहित्य

‘बीसवीं शताब्दी का हिन्दी साहित्य’ विजयमोहन सिंह की नवीनतम समीक्षा कृति है। लगभग ढाई सौ पृष्ठों के अपने सीमित आकार में, एक पूरी सदी के साहित्य की पड़ताल करने वाली यह एक ऐसी किताब है, जिसे एक सर्जक-आलोचक के सुदीर्घ अध्ययन तथा मनन का परिपाक कहा जा सकता है। पिछले कुछ समय से पश्चिम में और अपने यहाँ भी, साहित्येतिहास के लेखन की परम्परा कुछ ठहर गई है-बल्कि कुछ हलकों में तो ऐसे लेखन की क्रमबद्ध पद्धति को संदेह की दृष्टि से भी देखा गया है। ऐसी स्थिति में इस प्रश्न का उठना स्वाभाविक है कि इक्कीसवीं सदी के जिस बिन्दु पर हम खड़े हैं वहाँ साहित्य के विकास की प्रक्रिया को किस, तरह देखा परखा जाए या फिर उसकी पद्धति क्यों हो ? इस पुस्तक को पढ़ते हुए मेरे मन पर पहला प्रभाव यही पड़ा कि यह उसी प्रश्न के उत्तर की दिशा में की गई एक कोशिश है-शायद पहली मगर गम्भीर कोशिश।

अपनी भूमिका में लेखक ने जोर देकर कहा है कि इस पुस्तक को किसी भी अर्थ में इतिहास न माना जाए-क्योंकि न तो यहाँ तिथियों का अंकगणित मिलेगा, न किसी तरह के फुटनोट, न ही पूर्वापर सम्बन्धों की क्रमिकता। यदि मिलेगी तो कुछ अलक्षित अन्त:सूत्रों की निशानदेही और कई बार कुछ स्थापित मान्यताओं के बरक्स कोई सर्वथा नया विचार और हाँ, वह नैतिक साहस भी जो किसी नए विचार की प्रस्तावना के लिए ज़रूरी होता है।

अनुभव पकी दृष्टि, गहरी सूझ-बूझ और विश्लेषण परक पद्धति के साथ किया गया, पिछली सदी के साहित्य का यह पुनरावलोकन, साहित्य के अध्येताओं का ध्यान तो आकृष्ट करेगा ही-शायद कुछ प्रश्नों पर नए सिरे से सोचने के लिए उत्प्रेरित भी करे।

केदारनाथ सिंह

Additional information

Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2019

Pulisher

Reviews

There are no reviews yet.


Be the first to review “Bisvin Shatabdi Ka Hindi Sahitya”

You've just added this product to the cart: