Bolnewali Aurat

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Bolnewali Aurat

Bolnewali Aurat

200.00 160.00

In stock

200.00 160.00

Author: Mamta Kaliya

Availability: 5 in stock

Pages: 92

Year: 2012

Binding: Hardbound

ISBN: 9788170555930

Language: Hindi

Publisher: Vani Prakashan

Description

बोलनेवाली औरत

ममता कालिया के रचना लोक में दो तरह की छवियाँ प्रमुख हैं। एक में हमारे भारतीय समाज के मध्यवर्ग की स्त्रियाँ और उनका दुःख है। दूसरे में सामान्य जीवनानुभव हैं।

ममता कलिया महिला त्रासदी के स्थूल रूपों को अभिव्यक्ति का माध्यम नहीं बनातीं। जरूरत पड़ने पर वह त्रासदी की कुछ परंपरागत स्थितियों को शामिल करती हैं किन्तु ज्यादातर वह कठिन मगर बेहतर प्रणाली उपयोग में लाती हैं। उनकी दिलचस्पी सूक्ष्म स्तरों और गहरे प्रभावों-प्रतिक्रियाओं को उद्धाटित करने में दिखती है।

ममता कलिया ने इन कहानियों को महिलावादी क्रोधी भंगिमा से नहीं रचा है, न ही इनमें औरतों के प्रति अबोध आकुलता है। ये गुस्से और भावुकता से पृथक निर्भर और निस्संग तरीके से यथार्थ को हाजिर करती हैं। वस्तुतः उनकी कहानियाँ नारीवाद न होकर नारी के यथार्थ की रचनाएँ हैं।

– अखिलेश

कहानी ‘खिड़की’ पढ़ी। मुझे आपकी अब तक की तमाम कहानियों में से यह कहानी ज्यादा अच्छी लगी। इसमे खूबी यह है कि आपकी तमाम सूझ-बूझ और कला-कौशल के बावजूद वह स्वतः स्फूर्त ढंग से संपादित होती चलती कहानी है। लेखक का अनुशासन और फार्म को लेकर उसकी अति सजगता अक्सर रचना के स्पोण्टेनियस तत्त्वों को मार डालती है लेकिन इस कहानी में बौद्धिक सजगता और पात्रों के भीतर का जीवन्तः स्फुरण दोनों अंतर्गुम्फित हैं। सचमुच यह एक कमाल है।

– मनोज रूपड़ा

Additional information

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Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2012

Pulisher

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