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बौड़म
‘‘दोस्तोयेव्सकी के कृतित्व ने तब यह कहा था और आज भी यह कहता है कि मानव की आत्मा विद्रोह करती है, वह मुक्ति-मार्गों की खोज में छटपटाती है कि क्रय-विक्रय का माल बनने को राजी होने के बजाय वह नष्ट हो जाना बेहतर समझेगी। दोस्तोयेव्स्की का कृतित्व एक उत्कट कलाकार की शाश्वत बेचैनी, अस्वीकार्य दुनिया के विरुद्ध उसकी आवाज, उसकी चुनौती को ही नहीं, बल्कि उसकी घबराहट,मार्ग खोजने की भूल-भटकन की यातनाओं, उन असंगतियों को भी व्यक्त करता है जिनका किसी एक व्यक्ति के लिया हल ढूंढना संभव नहीं।’’
– कोंस्तानतिन फेदिन
Additional information
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Pages | |
Publishing Year | 2007 |
Pulisher | |
Language | Hindi |
parmarprince131099 (verified owner) –
This is best literature ever written.