Bulleh Shah : Kaljayi Kavi Aur Unka Kavya

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Bulleh Shah : Kaljayi Kavi Aur Unka Kavya

Bulleh Shah : Kaljayi Kavi Aur Unka Kavya

185.00 140.00

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Author: Madhav Hada

Availability: 5 in stock

Pages: 112

Year: 2023

Binding: Paperback

ISBN: 9789393267375

Language: Hindi

Publisher: Rajpal and Sons

Description

बुल्ले शाह : कालजयी कवि और उनका काव्य

गागर में सागर की तरह इस पुस्तक में हिन्दी के कालजयी कवियों की विशाल काव्य-रचना में से श्रेष्ठतम और प्रतिनिधि काव्य का संकलन विस्तृत विवेचन के साथ प्रस्तुत है।

पंजाब के सूफ़ी संत और कवि बुल्ले शाह (1680-1758) अपने असाधारण व्यक्तित्व, व्यवहार और गहरे आध्यात्मिक अनुभव से सम्पन्न वाणी के कारण हिन्दू, मुसलमान और सिखों में समान रूप से स्वीकार्य हैं। उनकी समस्त वाणी ईश्वर या गुरु को पाने पर केन्द्रित है और जिसका साधन वे केवल प्रेम मानते हैं। प्रेम की इस साधना में वे मनुष्य के धर्म, संप्रदाय, जाति, मत, रंग, नस्ल आदि की कोई पहचान उपयोगी नहीं मानते। बुल्ले शाह विद्वान थे जिन्हें धर्म, दर्शन, साहित्य की विस्तृत जानकारी थी, लेकिन यह सब ज्ञान उनके ईश्वर प्रेम के वेग में इस तरह घुल-मिल गया कि उनकी वाणी में प्रेम के अलावा और कुछ नहीं मिलता। अरबी-फ़ारसी के ज्ञान के बावजूद उनकी वाणी पंजाबी में है और जिसकी मस्ती, खुमारी, बेपरवाही पंजाब के लोक से आती है। शायद यही कारण है कि आज भी बुल्ले शाह की वाणी बेहद लोकप्रिय है और सिनेमा, संगीत, टीवी, इंटरनेट आदि में इसका बहुत अधिक प्रचलन है।

प्रस्तुत चयन में बुल्ले शाह की प्रामाणिक और आधिकारिक मानी जाने वाली रचनाओं में से श्रेष्ठ रचनाओं को प्रस्तुत किया गया है। यहाँ बुल्ले शाह की प्रतिनिधि रचनाओं में से चुनकर काफ़ियाँ, दोहे, अठवारा, बारहमाह, गंढ़ाँ और सीहरफ़ियाँ दिए गए हैं जो पाठकों को बुल्ले शाह के साहित्य के श्रेष्ठ का आस्वाद दे सकेंगे।

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Paperback

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Language

Hindi

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Publishing Year

2023

Pulisher

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