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Description
बुनियाद
दूरदर्शन-धारावाहिक के रूप में ‘बुनियाद’ को देश के लाखों- करोड़ों दर्शकों ने देखा और सराहा। उसकी इस सफलता को लेकर लेखक की खुसी जायज भी है। खासकर इसलिए भी इसके मध्यम से लेखक लोगो को समझ पाया और उनके हिसाब से सोच पाया। परिवारिक जीवन की डँसता कहता यह उपन्यास लेखक की दूरगामी सोच का नतीजा है जिसे पढ़ कर पाठक चिंतन करने के लिए प्रेरित होता है।
Additional information
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2007 |
Pulisher |
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