Chamar Ki Chay

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Chamar Ki Chay

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225.00 190.00

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225.00 190.00

Author: Sheoraj Singh Bechain

Availability: 3 in stock

Pages: 195

Year: 2017

Binding: Paperback

ISBN: 9789352296163

Language: Hindi

Publisher: Vani Prakashan

Description

चमार की चाय

श्यौराज सिंह बेचैन हमारे समय के एक अपरिहार्य कवि के रूप में साहित्यिक जगत में विद्यमान हैं। उनकी कविताएँ मानवीय सरोकारों की कविताएँ हैं और अपने समाज के हकों की माँग करती कविताएँ हैं। उनकी कविता में उनकेअपने अभावों के संघर्षी चित्र हैं। उनकी कविता सहज-स्वाभाविक अभिव्यक्ति है। उसमें बनावटीपन नाममात्र भी नहीं है। ये कविताएँ उनके संघर्षमयी जीवन की पृष्ठभूमि में तैयार होती हैं। वे कबीर की भाँति फक्कड़ व्यक्तित्व की डिमांड करती हैं। उनके गीतों में तो लयात्मकता है ही, दूसरी मुक्त छन्द की कविताओं में भी विचार की लय पाठकों को बाँधे रखती है। कवि का मूल स्वरूप व्यंग्य का रहा है। उनके पास समाज को देखने की अपनी दृष्टि है।

वे अलोकतान्त्रिक मूल्यों से अपने पाठकों को सचेत करते हुए समकालीन विडम्बनाओं से दो-चार होते दिखाई देते हैं। वे वर्ण, जाति, साम्प्रदायिकता,भ्रष्टाचार, नारी उत्पीड़न आदि को देश के लिए खतरा बताते हुए समता का मार्ग प्रशस्त करते हैं। कवि का प्रस्तुत कविता-संग्रह भारत में दलितों और स्त्रियों की बदहाली और उनके संघर्ष को जानने के लिए अनिवार्य और पठनीय संग्रह है।

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Paperback

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2017

Pulisher

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