Chamatkari Kala Ilm (चमत्कारी काला इल्म)

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Chamatkari Kala Ilm (चमत्कारी काला इल्म)

Chamatkari Kala Ilm (चमत्कारी काला इल्म)

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Author: C.M. Srivastava

Availability: Out of stock

Pages: 128

Year: 2013

Binding: Paperback

ISBN: 9788131005224

Language: Hindi

Publisher: Manoj Publications

Description

चमत्कारी काला इल्म

भूमिका

काला इल्म का अर्थ है-तंत्र विद्या ! एक ऐसी तंत्र विद्या जो सामान्य जन के लिए आज भी अत्यंत अंधकारमय यानी गोपनीय है। इसका एक दूसरा अर्थ भी है, अर्थात इस इल्म (विद्या) के द्वारा अज्ञानी लोगों की आंखों के आगे से अज्ञान का काला परदा उठाना ! वास्तविकता यह है कि काला इल्म का अर्थ है एक ऐसी गोपनीय तंत्र विद्या जो लोगों की दृष्टि में आज भी अंधकारमय है। यह भी सत्य है कि गोपनीय तंत्र विद्या को उर्दू भाषा में काला इल्म कहते हैं। इस इल्म (विद्या) के द्वारा जहां लोगों को पीड़ित किया जा सकता है, वहां उन्हें अनेक प्रकार की हानियों से बचाया भी जा सकता है।

वस्तुतः आजकल तो गुरु से दीक्षा लिए बिना ही दो-चार तंत्र की पुस्तकें पढ़कर तांत्रिक बन गए टुच्चे लोग भी ईर्ष्या, जलन या लोभ आदि के कारण तांत्रिक प्रयोग कर देते हैं, जिससे दूसरे लोग पीड़ा और हानि से व्याकुल हो जाते हैं । काला इल्म में प्राय: पक्षियों के अंग, अवशेष और बाल व नाखून आदि को प्रयुक्त किया जाता है, इसलिए इसका प्रभाव भी अतिशीघ्र होता है।

बहुत से लोगों को जीवन में बहुत अधिक परिश्रम करने के बाद भी सफलता नहीं मिलती। व्यापार-व्यवसाय में बहुत श्रम करने पर भी उतना लाभ नहीं मिलता, जितना कि मिलना चाहिए था। परिवार में न चाहते हुए भी कलह और मनमुटाव का साम्राज्य स्थापित रहता है। ऐसा क्‍यों होता है ?

जब जीवन में ऐसी स्थिति अनुभव हो तो यह निश्चित है कि किसी ने कोई टोना-टोटका या तांत्रिक प्रयोग कर या करा दिया है। यद्यपि तांत्रिक प्रयोग सरल नहीं है, किंतु आजकल छोटे-मोटे और नए तांत्रिक बन गए हैं, जो किसी को बचाना तो नहीं जानते, किंतु उसे तकलीफ जरूर दे देते हैं, किसी का हित नहीं कर सकते, हानि अवश्य पहुंचा सकते हैं। कुछ लोगों ने कहीं से कुछ छोटे-मोटे तांत्रिक प्रयोग सीख लिए हैं और वे दूसरों के द्वारा पैसा मिलने पर इस प्रकार के प्रयोग कर देते हैं, जिससे दूसरों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ जाता है। जीवन में कुछ ऐसी घटनाएं होती हैं, जिनका गंभीरता से अवलोकन कर यह जाना जा सकता है कि काला इल्म यानी तंत्र विद्या का प्रयोग हुआ है। तांत्रिक प्रयोगों के शिकार हुए लोगों का परीक्षण करने के लिए आगे कुछ कसौटियां दी जा रही हैं –

यदि आप प्रायः रोगग्रस्त रहते हैं, उपचार का परिणाम भी कुछ नहीं निकलता अथवा हर समय आप चिंताग्रस्त रहते हैं और बार-बार आत्महत्या करने की बात मन में आती है या घर छोड़कर कहीं दूर चले जाने की इच्छा होती है तो यह माना जा सकता है कि आप किसी तांत्रिक प्रयोग के फेर में पड़ गए हैं। इसी प्रकार यदि परिवार में सदा ही कोई रोगी बना रहता है और हर प्रकार के परीक्षण के बाद भी रोग का पता नहीं चलता या पत्नी आदि का स्वास्थ्य प्राय: खराब रहता है या आवश्यकता से अधिक मोटापा बढ़ रहा है या आवश्यकता से अधिक दुर्बलता आ गई है और स्वभाव भी बहुत चिड़चिड़ा हो गया है, तब तांत्रिक प्रयोग हुआ है, यह समझने में विलंब नहीं करना चाहिए। ऐसे बहुत से कारण हो सकते हैं, जिनके आधार पर यह कहा जा सकता है कि आप पर किसी ने कोई काला इल्म किया हुआ है।

आजकल कोई किसी को देखकर प्रसन्न नहीं होता। पुश्तैनी जायदाद हथियाने के लिए एक भाई ही दूसरे भाई पर काला इल्म करा देता है। कोई किसी के रोजगार को बंधवा देता है तो कोई किसी के स्वास्थ्य को नष्ट करा देता है। कई बार देखने में आया है कि देवर से प्रेमालाप के कारण पत्नी अपने पति पर ही कुछ करा देती है। इसी प्रकार कोई स्त्री अपनी भाभी, देवरानी, जिठानी, सास या ननद पर भी तांत्रिक प्रयोग करा देती है ताकि परिवार में केवल उसी का शासन चले।

हमारे समाज में हर दूसरा या तीसरा परिवार अपने शत्रु या स्वजनों द्वारा शत्रुतावश किए हुए या दूसरों से करवाए हुए तांत्रिक प्रयोग (काले इल्म) से बहुत ज्यादा परेशान रहता है। यह तांत्रिक प्रयोग जिस पर किया जाता है, उस व्यक्ति का सर्वनाश हो जाता है। इसमें मुख्यतः व्यापार बांधना, मानसिक डिप्रेशन, बुद्धि काम न करना, कमाई होने पर भी पैसे उड़ जाना, रोगग्रस्त होना, मृत्यु के कगार तक पहुंचा देना, व्यक्ति का जिंदा लाश बनकर रह जाना; यह सब काले इल्म का ही कमाल है। साधारण कद काठी का दुर्बल मनुष्य तो शीघ्र ही इन प्रयोगों के प्रभाव में आ जाता है, क्योंकि उसका शरीर किसी भी ऊपरी शक्ति से लड़ने में सक्षम नहीं होता।

यदि आप बुद्धिमान और चतुर होने पर भी इन समस्याओं का निराकरण नहीं कर पा रहे हैं तो इसका अर्थ यही है कि कोई ऐसी शक्ति आप पर या आपके परिवार पर अधिकार जमाए है, जिससे आप छूट नहीं पा रहे हैं और आपकी सारी सावधानी और होशियारी धरी रह गई है। ऐसी अवस्था में अकड़ या क्रोध व्यर्थ है या दूसरे कारण खोजना, मन को झूठी तसल्ली देना, अपने भाग्य पर रोना, भगवान पर दोषारोपण करना भी व्यर्थ ही है। यदि आपकी पहुंच किसी सच्चे और गुणी तांत्रिक, ओझा, सयाने या मौलवी तक नहीं है तो यह पुस्तक आपके बड़े काम आएगी। इसके द्वारा आप अपना बचाव ही नहीं कर सकेंगे, बल्कि शत्रु को मुंह की खाने पर भी विवश कर सकेंगे। हर प्रकार का तांत्रिक उपचार इससे संभव है।

पुस्तक में प्रकाशित संकलित सामग्री अथवा प्रयोग के बारे में बाद-विवाद था तर्क मान्य नहीं होगा और न ही इसके लिए संकलनकर्ता लेखक, प्रकाशक, संपादक या मुद्रक जिम्मेवार होंगे। किसी भी प्रकार की साधना या प्रयोग की सफलता-असफलता, हानि-लाभ के लिए साधक स्वयं जिम्मेदार होंगे। हमारा अनुरोध है कि कोई भी साधक ऐसा कृत्य न करे जो नैतिक, सामाजिक एवं कानूनी नियमों के विपरीत हो। पुस्तक में संकलित सामग्री के संबंध में कभी भी किसी प्रकार की आलोचना या आपत्ति स्वीकार्य नहीं होगी। यह पुस्तक किसी का बुरा नहीं, बल्कि सबका भला करे, यही हमारी कामना है।

-सी.एम. श्रीवास्तव

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Binding

Paperback

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2013

Pulisher

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