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Description
चमत्कारी तावीज़
बहुत दिन पहले की बात है, ईसाइयों के तीर्थ-स्थान जेरुसलम पर मुसलमानों ने अधिकार कर लिया था। विधर्मियों के हाथ से अपने तीर्थ-स्थान को छुड़ाने के लिए यूरोप के ईसाइयों ने हथियार उठा लिए। यूरोप के एक-एक गांव से क्रास के चिन्ह वाले झंडे लेकर ईसाई जेरुसलम पहुँचने लगे। इन लोगों को ‘क्रूसेडर’ कहा जाता था। ऐसे ही एक योद्धा थे सर केनेथ।
केनेथ का घर इंग्लैंड के स्काटलैंड प्रदेश में एक पहाड़ी इलाके में था। वह उस इलाके का सरदार था। उस प्रदेश में प्रायः ठंडक बनी रहती थी और मौसम बड़ा सुहावना रहता था। अपने उस सुन्दर देश को छोड़कर केनेथ को सीरिया के इस रेगिस्तान में ईसाई सेनाओं के साथ धर्म युद्ध में भाग लेने के लिए आना पड़ा था।
केनेथ रणभूमि के किनारे-किनारे अपने घोड़े पर सवार चला जा रहा था। धूप इतनी तेज थी कि रणभूमि की बालू अंगारों की तरह तप रही थी। केनेथ ने सिर पर लोहे का टोप पहन रखा था। उसका शरीर ज़िरह-बख़्तर से पूरी तरह लैस था। वह एक हाथ में फैलाद की मजबूत ढाल और दूसरे में लम्बा भाला लिए हुए था। उसकी कमर में दुधारी तलवार बँधी हुई थी। उसका घोड़ा भी फौलादी बख़्तर से ढका था। केनेथ इंग्लैण्ड का एक बड़ा ज़मींदार था और अपने कबीले का नेता था।
Additional information
Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2018 |
Pulisher |
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