Chaunsath Sutra Solah Abhiman : Kamsutra Se Prerit

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Chaunsath Sutra Solah Abhiman : Kamsutra Se Prerit

Chaunsath Sutra Solah Abhiman : Kamsutra Se Prerit

125.00 95.00

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125.00 95.00

Author: Avinash Mishra

Availability: 5 in stock

Pages: 104

Year: 2019

Binding: Paperback

ISBN: 9789388753937

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

चौसठ सूत्र सोलह अभिमान : कामसूत्र से प्रेरित

अविनाश मिश्र कविता के अति विशिष्ट युवा हस्ताक्षर हैं। इस संग्रह में शामिल कविताएँ एक लम्बी कविता के दो खंडों के अलग-अलग चरणों के रूप में प्रस्तुत की गई हैं। कवि प्रेम में आता है और साथ लेकर आता है—‘कामसूत्र’। ‘वात्स्यायन’ कृत कामसूत्र। इसी संयोग से इन कविताओं का जन्म होता है। कवि प्रेम और कामरत प्रेमी भी रहता है और दृष्टाकवि भी। वात्स्यायन की शास्त्रीय शैली उसे शायद अपने विराम, और अल्पविराम पाने, वहाँ रुकने और अपने आप को, अपनी प्रिया को,  और अपने प्रेम को देखने की मुहलत पाना आसान कर देती है, जहाँ ये कविताएँ आती हैं और होती हैं। यह शैली न होती तो वह प्रेम में डूबने, उसमें रहने, उसे जीने-भोगने की प्रक्रिया को शायद इस संलग्नता और इस तटस्थता से एक साथ नहीं देख पाता।

कोई इन कविताओं को सायास रचा गया कौतुक भी कह सकता है, लेकिन इनका आना और होना इन कविताओं के शब्दों और शब्दान्तरालों में इतना मुखर है कि आप इनकी अनायासता और प्रामाणिकता से निगाह नहीं बचा सकते। ये उतनी ही प्राकृतिक कविताएँ हैं, जितना प्राकृतिक प्रेम होता है, जितना प्राकृतिक काम होता है।

काम की चौंसठ कलाएँ और स्त्री के सोलह शृंगार– इस संग्रह की 80 कविताओं के आलम्बन यही हैं।

इन कविताओं को पढ़ना प्रेम में होने, उसे जीने, अनुभूत करने की प्रक्रिया से गुज़रने या स्मृति-आस्वाद को दुहराने जैसा है। कवि का अनुभव-सत्य पाठक के जीवनानुभव के आस्वाद को नया अर्थ देने जैसा है।

किताब संग्रहणीय भी है, सुन्‍दर प्रेम-उपहार भी।

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Binding

Paperback

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2019

Pulisher

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