Chidi Ki Dukki

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Chidi Ki Dukki

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175.00 135.00

In stock

175.00 135.00

Author: Ismat Chugtai

Availability: 4 in stock

Pages: 92

Year: 2023

Binding: Paperback

ISBN: 9789350003671

Language: Hindi

Publisher: Vani Prakashan

Description

चिड़ी की दुक्की

इस्मत चुग़ताई के साथ उर्दू कहानी में दृष्टि और कला के स्तर पर कुछ नये आयाम जुड़ते हैं। जिस दौर में इस्मत रचना-कर्म से जुड़ीं, वह प्रगतिशील साहित्यान्दोलन के पहले उभार का दौर था। उन्होंने सामाजिक न्याय के संघर्ष में स्त्री की मुक्तिआकांक्षा और अधिकार चेतना को शामिल करते हुए प्रगतिशील रचनाशीलता को व्यापकता प्रदान की। अपनी विचारधारा से अनुशासित निरीक्षण क्षमता के बूते पर वे यथार्थ के परिचित रूपों से बाहर आकर जीवन के सर्वथा नये इलाक़ों में कहानी को ले गयीं, जहाँ अब तक किसी उर्दू कथाकार का गुज़र नहीं था। मसलन मध्यवर्गीय मुस्लिम समाज में स्त्री के जीवन से जुड़े हुए सवाल प्रगतिशीलों के बीच ज़ेरे बहस तो थे लेकिन इन सवालों को कहानी की संवेदना में जगह सबसे पहले इस्मत चुग़ताई ने ही दी। उनकी कहानियों में स्त्री की दुरवस्था से उत्पन्न करुणा हमें सिर्फ़ द्रवित नहीं करती बल्कि एक व्यापक विमर्श में शामिल करती है।

इस्मत के पास एक स्पष्ट वैचारिक परिप्रेक्ष्य है। स्त्री बनाम पुरुष की बेमानी बहस को वे अहमियत नहीं देतीं। वर्ग समाज के अलग-अलग स्तरों में स्त्री को लेकर पुरुष की स्वेच्छाचारिता की उन्होंने खूब मज़म्मत की है, वहीं स्त्री के प्रति स्त्री की क्रूरता और संगदिली की भी उन्होंने पर्दापोशी नहीं की है। यह फेमिनिज्म की प्रचलित धारणा से बाहर की सच्चाई है।

इस्मत की बेशतर कहानियाँ समाजशास्त्रीय अध्ययन की दरकार करती हैं। खुद उनके चंगेज़ी खानदान की पृष्ठभूमि से लेकर आज़ादी से पहले और बाद के अर्द्ध-सामन्ती समाज के ऐसे सूक्ष्य ब्योरे उनके यहाँ मिलते हैं जो हमारी चेतना को झकझोर देते हैं। बावजूद इसके उनके पास एक दुर्लभ कलात्मक संयम है कि उन्होंने अपनी कहानियों को समाजशास्त्रीय दस्तावेज़ नहीं बनने दिया है। यहाँ तक कि उनकी कुछ कहानियों में ख़ानदान के कुछ लोग पात्रों के रूप में चित्रित किये गये हैं लेकिन यह सुखद आश्चर्य है कि उन्हें पात्र की तरह बाकायदा रचा और गढ़ा गया है।

‘चिड़ी की दुक्की’ में इस्मत चुगताई की पाँच कहानियाँ संगृहीत हैं। हिन्दी पाठक इस्मत की विलक्षण कहानी कला की झलक इन कहानियों में पा सकेंगे। इस संग्रह की एक विशेषता यह है कि पाठक कहानियों के आरम्भ में इस्मत चुगताई पर उनके समकालीन कहानीकार सआदत हसन मंटो का यादगार संस्मरण भी पहली बार हिन्दी में पढ़ सकेंगे।

– जानकी प्रसाद शर्मा

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Binding

Paperback

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Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2023

Pulisher

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