Chitrakala Kavita Ke Deshe

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Chitrakala Kavita Ke Deshe

Chitrakala Kavita Ke Deshe

495.00 410.00

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495.00 410.00

Author: Sunil Gangopadhyay

Availability: 5 in stock

Pages: 304

Year: 2014

Binding: Hardbound

ISBN: 9788126725892

Language: Hindi

Publisher: Rajkamal Prakashan

Description

चित्रकला कविता के देशे

बांग्ला के महान कथाकार सुनील गंगोपाध्याय प्रारम्भिक जीवन से ही भ्रमण-प्रेमी रहे। उन्होंने लिखा भी है, ‘बचपन से ही मेरा सपना विश्व-भ्रमण का रहा है। कई अलस दोपहरियों में उन्होंने कई देशों के नक्शे और ग्लोब रखकर पृथ्वी-परिक्रमा के दिवास्वप्न देखे है। ‘चित्रकला कविता के देशे’ (मूल नाम ‘छविर देशे : कवितार देशे’) पुस्तक में उनकी फ्रांस-यात्रा का रोचक वर्णन है। दरअसल इस पुस्तक का ढाँचा भ्रमण-वृत्तान्त का है किन्तु विधागत रूढ़ अर्थों में यह यात्रा-वृत्तान्त नहीं है। असल में उन्हें अपनी युवावस्था में आयोबा विश्वविद्यालय में आयोजित कविता कार्यशाला में नौ मास रहने की वृत्ति मिली थी। यह आमंत्रण प्रसिद्द कवि पॉल ऐजेल की ओर से मिला था। इन नौ महीनों में सुनील गंगोपाध्याय ने वहाँ के कवियों, चित्रकारों, संगीतज्ञों, नाटककारों, नर्तकियों से जो भेंट की, इस पुस्तक में उन्ही का वर्णन है।

किसी ने कहा था, हर शिल्पी की दो मातृभूमियाँ होती हैं-एक उसका अपना देश और दूसरा फ़्रांस। शिल्पी से सिर्फ चित्रकार थे, वैसे ही यहाँ रिम्बो, वेर्लेन, बोदलेयर, मालार्मे, वेलरी, अपोलिनियर और ऑरि मिसोर जैसे कवी भी हुए हैं। इसलिए फ्रांस ही ऐसा देश है जिसकी आत्मा का अगर वर्णन किया जाए तो उसमें छवि और कविता का संसार आना अनिवार्य है। इस पुस्तक की एक विशेषता और है, वह है इसमें अद्दंत प्रवाहित सुनील और एक फ्रांसीसी युवती की प्रेम कहानी, जिसे सुनील ने बिना कुछ छिपाए बयान किया है। यह पुस्तक भ्रमण का तो आनन्द देती ही है, साथ ही फ्रांसीसी साहित्य, संस्कृति, कला, संगीत और कविता से जुड़े जीवन के रहस्यों को भी खोलती है।

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Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2014

Pulisher

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