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चित्रलिपि
चित्रलिपि साहित्य अकादेमी द्वारा 2018 में पुरस्कृत परेश नरेंद्र कामत के कोंकणी कविता-संग्रह चित्रलिपि का हिंदी अनुवाद है। चित्रलिपि में कवि ने अपनी कविता के लिए विषयों की माँग के अनुसार भाषा का निर्माण किया है, जिससे उनकी सर्जनात्मकता और बढ़ गई है। साथ ही इस भाषा द्वारा उन्होंने कविता, कविता प्रेमियों से अटूट नाता भी जोड़ा है। यहाँ उनकी भाषा एक कैनवास बनकर उस पर चित्रलिपि का निर्माण करती है। इस संकलन में एक चक्रीय यात्रा का वर्णन है, जो जल से प्रारंभ होकर अन्य परिघटनाओं से गुजरती है और अंत में भूमि पर पहुँचकर पूर्ण होती है। समग्रता में, इस संग्रह की कविताएँ जीवन की अंतहीन यात्रा का स्मरण कराती हैं और उसे जीवंत बनाए रखती हैं। यह असीम यात्रा शाश्वत विरोधाभासों और व्यतिरेकों से भरी हुई है, जैसे-अंधकार और प्रकाश, पृथ्वी और जल आदि। कवि ने महज कविता की सरंचना के स्तर पर ही नहीं, बल्कि अंतर्वस्तु के धरातल पर भी प्रयोग-शैली को भली-भाँति अपनाया है। कुछ कविताएँ उद्बोधक प्रकृति की हैं, जबकि कुछ कविताएँ विचारोत्तेजक हैं। जब एक विशिष्ट यात्रा पूर्ण होती है तो इसी पूर्णता से एक नवीन यात्रा प्रारंभ होती है। ऐसा विश्वास है कि यह संकलन पाठकों को पसंद आएगा।
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Authors | |
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Binding | Paperback |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2023 |
Pulisher |
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