

Chutkara

Chutkara
₹90.00 ₹70.00
₹90.00 ₹70.00
Author: Mamta Kaliya
Pages: 128
Year: 2010
Binding: Paperback
ISBN: 9788180315404
Language: Hindi
Publisher: Lokbharti Prakashan
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Description
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छुटकारा
अपनी कहानियों के बारे में स्वयं लेखिका का कहना है : ‘‘प्रस्तुत कहानियों में से कुछ ऐसी हैं जो अपने आप मुझ तक चली आई हैं। ‘छुटकारा’ में कच्ची धान की गंध है, लेकिन भावुकता नहीं। सन् साठ के बाद के लेखकों की तरह मैंने भी भावुकता का बोझ उतार फेंक कर ही कहानी की दुनिया में कदम रखा…।’’ जीवन के दैनिक उतार-चढ़ाव में हम जो देखते हैं, वह चेतना के एक कोने में जमा रहता है और अपनी कहानियाँ बनाता-बुनता रहता है।
ममता कालिया का समर्थ कथाकार इसी बुनावट को अपनी भाषा में इतने सुग्राह्य और स्पष्ट रूप में उकेरता है कि कहानी एक गठी हुई टिप्पणी की तरह हमारे मन-मस्तिष्क में अंकित हो जाती है। इस संग्रह में शामिल ‘बड़े दिन की पूर्व साँझ’, ‘वे तीन और वह’, ‘यह जरूरी नहीं’, ‘बीमारी’, ‘अपत्नी’, ‘छुटकारा’, ‘उसी शहर में’, ‘ज़िन्दगी: सात घंटे बाद की’, ‘पिछले दिनों का अँधेरा’, ‘साथ’ – ये सभी कहानियाँ पठनीयता की उस अनिवार्य शर्त को भी पूरा करती हैं जो इधर अकसर संकट में दिखाई देती हैं।
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Authors | |
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Binding | Paperback |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2010 |
Pulisher | |
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