Computer Screen Par Moor

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Computer Screen Par Moor

Computer Screen Par Moor

350.00 270.00

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350.00 270.00

Author: Prayag Shukla

Availability: 5 in stock

Pages: 167

Year: 2018

Binding: Hardbound

ISBN: 9789387145788

Language: Hindi

Publisher: Nayeekitab Prakashan

Description

कम्प्यूटर स्क्रीन पर मोर

कहानी क्या है ? इसका जवाब भी यही होगा कि कहानी, कहानी है। पर, कहानी के कहानी रहते हुए भी, उसमें न जाने कितनी चीजें शामिल की जा सकती हैं-इसे बहुत पहले ही चेखब प्रमाणित कर चुके हैं, आधुनिक कथा के सन्दर्भ में। हमारे यहाँ का अपना ‘कथा सरित्‌ सागर’, “जातक कथाएँ” और एक विपुल कथा भण्डार तो है ही-वे सब भी यही प्रमाणित करते हैं।

पर, यह भी उतना ही सच है कि हर भाषा में, हर समाज में, हर पीढ़ी में, हर दौर में, व्यक्ति और लेखक की ‘अपनी’ एक कहानी होती है, जिसे वह कहना चाहता है। इस ‘कहने’ में वह कितना सफल-असफल होता है, यह दूसरी बात है। यह इस पर निर्भर होता है कि वह कैसी कथा-विधि अपनाता और खोजता है।

मुझे कहानी अक्सर किसी मामूली लगने वाली घटना में ही दिखी है। जीवन के सतत प्रवाह के बीच ही मैंने किसी प्रसंग, स्मृति, दृश्य में कहानी अवतरित होते हुए देखी है। इनमें से बहुतेरी तो किसी पात्र के कुछ सोचते-बताते चले जाने के रूप में ही घटित होती हैं। और मैंने माना है कि इस तरह किसी कथा-मर्म को ही नहीं, किसी जीवन-मर्म को भी पकड़ा जा सकता है। मैं कहानी के पीछे-पीछे या साथ-साथ हो लिया हूँ। बहुधा मेरी कहानियों को, मेरी कविताओं का ही विस्तार माना गया है। यह कहीं स्वाभाविक भी है। पर, इस प्रसंग में मुझे इतना जरूर कहना है कि ये कहानियाँ, कविताओं की पूरक तो नहीं ही हैं। इनका लिखना मुझे जरूरी न लगता तो इन्हें लिखता ही क्यों ? कुछ ऐसा है, जिसे मैं कविताओं में नहीं कह सकता, कहानी में ही कह सकता हूँ-यह प्रतीति बनी रही है।

– प्रयाग शुक्ल

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Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2018

Pulisher

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