Dalit Sahitya Ke Aadhar Tatwa

-16%

Dalit Sahitya Ke Aadhar Tatwa

Dalit Sahitya Ke Aadhar Tatwa

495.00 415.00

In stock

495.00 415.00

Author: Harpal Singh 'Arush'

Availability: 5 in stock

Pages: 192

Year: 2021

Binding: Hardbound

ISBN: 9789380459066

Language: Hindi

Publisher: Samayik Prakashan

Description

दलित साहित्य के आधार तत्व

दलित साहित्य के प्रमुख आलोचकों में एक हरपाल सिंह ‘अरुष’ की नव्यतम पुस्तक ‘दलित सहित्य के आधार तत्व’ अपनी विषय-वस्तु के कारण स्वतः उल्लेखनीय बन गई है।

दलित साहित्य अचानक हो गए साहित्यिक ‘म्यूटेशन’ में से उत्पन्न साहित्य नहीं है। यह भारतीय धार्मिक, सामाजिक, आर्थिक, लोकवादी और सत्तावादी इतिहास से उपजा, उसी के वर्चस्व के प्रतिरोध स्वरूप उत्पन्न एवं क्रियाशील साहित्य है। यह वर्तमान परिदृश्य में, विशेष तौर पर भारतीय परिदृश्य में, जीवन और साहित्य के संबंध की खोज और व्याख्या करते समय दलित साहित्य उनके लिए चुनौती खड़ी करता है, जो भारतीय वर्णवादी-जातिवादी सामाजिक संबंधों और परिदृश्यों की वास्तविकता से आंख फेरने में ही अपनी बुद्धिमानी समझते हैं।

अरुष की आलोचना दृष्टि समकाल और सौंदर्य बोध तक ही सीमित नहीं रहती, वह रेड इंडियनों, नीग्रो व दलितों की कविता, भारतीय अस्मिता में पिछड़ों और दलितों का स्थान, दलित अस्मिता का भाष्य, अनुभव और साहित्य का संबंध, सामाजिक विमर्श का आधार, परंपरा और दलित चेतना का संबंध, दलित साहित्य और सामाजिक प्रेरण तक भी जाती है। उनके निष्कर्ष वायवीय नहीं, जमीन से उपजे हैं।

दलित लेखकों व दलित साहित्य के अध्येताओं के लिए ही नहीं, साहित्य के छात्रों के लिए भी संग्रहणीय है ‘दलित साहित्य के आधार तत्व’।

Additional information

Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2021

Pulisher

Reviews

There are no reviews yet.


Be the first to review “Dalit Sahitya Ke Aadhar Tatwa”

You've just added this product to the cart: