Dalit Sahitya Ke Badhate Kadam

-15%

Dalit Sahitya Ke Badhate Kadam

Dalit Sahitya Ke Badhate Kadam

295.00 250.00

In stock

295.00 250.00

Author: Mata Prasad

Availability: 5 in stock

Pages: 119

Year: 2019

Binding: Hardbound

ISBN: 9789388260947

Language: Hindi

Publisher: Aman Prakashan

Description

दलित साहित्य के बढ़ते कदम

साहित्य शिक्षित जनों की कलात्मक अभिव्यक्ति और उस पर चलने को प्रेरित करने वाला एक माध्यम है। भाषा और साहित्य का परस्पर घनिष्ठ सम्बन्ध है। जहाँ भाषा विचारों के अभिव्यक्ति का साधन है वहीं साहित्य विचारों को कलात्मक एवं आकर्षक रूप में अभिव्यक्त करने का माध्यम है। साहित्य एक ऐसा उपकरण है, जिसे मानव ने सदैव अपनी उन्नति और श्रेष्ठता हेतु प्रयोग किया है जिससे अपने संघर्ष और कार्यशक्ति को पैना बनाया है।

साहित्य किसी देश या समाज की राजनैतिक, सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक स्थिति को बदलने का सबसे बड़ा अस्त्र है। सांस्कृतिक साहित्य का प्रभाव अन्य साहित्यों के मुकाबले अधिक प्रभावशाली होता है। साहित्य जहाँ जातीय, नस्लीय, धार्मिक भावना को भड़काकर लोगों को आपस में लड़ा सकता है वहीं प्रेम, सद्भावना, सहिष्णुता का संदेश देकर आपस में जोड़ने की शक्ति भी रखता है।

यहाँ आरक्षण होते हुए भी वह पूरा नहीं हो रहा है उसका कदम-कदम पर विरोध हो रहा है जिससे संघर्ष की स्थिति बनती जा रही है। आशा है देर-सबेर दलित साहित्य आन्दोलन में उठाई जाने वाली समस्याओं का भी समाधान होगा।

भारत में जो दलित साहित्य आन्दोलन चल रहा है उसके सम्बन्ध में मेरे कुछ निबन्ध ‘दलित साहित्य के बढ़ते चरण’ के रूप में इसमें दिये गये हैं। इसके कई लेखों में दलित या अस्पृश्य बनने की कथा दोहराई गई, मिलेगी। इसका कारण है कि उक्त लेख विभिन्‍न समयों में लिखे गये थे।

Additional information

Authors

Binding

Hardbound

ISBN

Language

Hindi

Pages

Publishing Year

2019

Pulisher

Reviews

There are no reviews yet.


Be the first to review “Dalit Sahitya Ke Badhate Kadam”

You've just added this product to the cart: